तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी देवस्थानम बोर्ड के विरोध में दो दिन से केदारनाथ धाम में धरने पर बैठे हुए हैं। उन्होंने सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है। साथ ही, चेतावनी दी कि यदि सरकार बोर्ड को खत्म नहीं करती है तो वह अनशन को मजबूर होंगे।
मंदिर परिसर में तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी अर्धनग्न हो कड़ाके की ठंड में धरना दे रहे हैं। उनका आरोप है कि तीर्थ पुरोहितों को बिना विश्वास यात्रा संचालन की नई व्यवस्था की है, जो परंपरा का उल्लंघन है। कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से यात्रा का संचालन अच्छी तरह किया जा रहा था, इसके बावजूद मंदिर समिति के अस्तित्व को समाप्त कर देवस्थानम बोर्ड बना दिया गया। सरकार का एकमात्र उद्देश्य मंदिर के खजाने पर कब्जा करना है। कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती है, धाम में उनका आंदोलन जारी रहेगा।
उत्तराखंड के तीन जिलों के लोग कर सकेंगे धामों के दर्शन
उत्तराखंड के तीन जिलों के स्थानीय लोगों को धामों में दर्शन की इजाजत दे दी गई है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। इसके मुताबिक चमोली जिले के स्थानीय लोग बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग के केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले के लोग गंगोत्री व यमुनोत्री में दर्शनार्थ जा सकेंगे। इसके लिए इन जिलों के स्थानीय लोगों को अपने-अपने जिला व स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। बोर्ड ने धामों के लिए दर्शनार्थियों की संख्या का निर्धारण भी कर दिया है।
चारधाम में जिन संस्थाओं, व्यक्तियों के होटल, गेस्ट हाउस समेत अन्य परिसंपत्तियां हैं, उन्हें भी रखरखाव एवं मरम्मत के लिए वहां जाने की अनुमति दी जाएगी। ये व्यवस्थाएं 30 जून तक के लिए की गई हैं। बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के मुताबिक परिस्थितियों को देखते हुए 30 जून से पहले रिव्यू किया जाएगा और फिर चारधाम यात्रा के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
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