11 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किया गया निलंबित। चार एसडीएम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू होगी। दो रिटायर्ड अफसरों के खिलाफ भी होगी विभागीय कार्रवाई। पांच पूर्व पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की होगी विभागीय जांच। एक निलंबित तहसीलदार को अतिरिक्त आरोप पत्र थमाने का आदेश।
देवरिया में भूमि विवाद में छह लोगों की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने देवरिया जिला प्रशासन और पुलिस के पूर्व एवं वर्तमान 23 अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित करने और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए। घटना की बृहस्पतिवार को समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा कि दोषी कोई भी हो, हर एक पर कार्रवाई होगी। दरअसल, जांच में सामने आया है कि विवाद के संबंध में सत्यप्रकाश दुबे द्वारा ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जे की कई शिकायतें आईजीआरएस पर की गई थीं। पर मामले को पुलिस व राजस्व विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया। मालूम हो कि गांव के लेड़हा टोला में दो अक्तूबर की सुबह पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की हत्या कर दी गई थी। इसके प्रतिशोध में सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी किरण, बेटी सलोनी, नंदनी व बेटे गांधी को मार डाला गया।
इनका निलंबन
एसडीएम योगेश कुमार गौड़, सीओ रुद्रपुर जिलाजीत, तत्कालीन तहसीलदार रामाश्रय (वर्तमान में बलरामपुर में तैनानी), तहसीलदार रूद्रपुर केशव कुमार, राजस्व निरीक्षक विशाल नाथ यादव, लेखपाल राजनंदनी यादव, अखिलेश, मुख्य आरक्षी राजेश प्रताप सिंह, आरक्षी अवनीश चौहान, हल्का प्रभारी/उपनिरीक्षक जय प्रकाश दुबे, प्रभारी निरीक्षक नवीन कुमार सिंह, आरक्षी कैलाश पटेल, राम प्रताप कन्नौजिया, सुभाष यादव एवं पूर्व प्रभारी निरीक्षक रूद्रपुर सुनील कुमार।
इन पर विभागीय कार्रवाई
निलंबित किए गए अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी। इसके अलावा पूर्व एसडीएम राम विलास, ओम प्रकाश, ध्रुव शुक्ला व संजीव कुमार उपाध्याय, रिटायर्ड तहसीलदार वंशराज राम एवं रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक रामानंद पाल, तत्कालीन सीओ रूद्रपुर दिनेश कुमार सिंह यादव के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई होगी।
- पूर्व में निलंबित किये जा चुके तहसीलदार अभय राज को अतिरिक्त आरोप पत्र थमाया जाएगा।