पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का 64 वर्ष की उम्र में आज निधन हो गया. वो पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. कुछ दिनों पहले ही उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था. शनिवार दोपहर उनका निधन हो गया. अमर सिंह, समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव रहे हैं साथ ही राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के वो काफी करीब रहे. अमर सिंह एक समय समाजवादी पार्टी की नंबर दो पोजिशन के नेता भी रहे थे. हालांकि साल 2010 में पार्टी के सभी पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था. बाद में उन्हें पार्टी से भी बर्खास्त कर दिया गया.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पूर्व राज्यसभा सांसद के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करता हूं. दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों और सहयोगियों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं. ओम शांति.
अमर सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते थे. आज ही उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी थी. साथ ही लोगों को ईद अल अजहा की बधाई भी दी थी.
अमर सिंह का मार्च महीने में एक वीडियो खूब चर्चा में रहा था. जिसमें उन्होंने अपनी मौत की अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा था कि टाइगर अभी जिंदा है और बीमारी से जूझ रहा है. उन्होंने अपने पहले के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि तबीयत पहले भी बिगड़ी थी लेकिन हर बार वो मौत के मुंह से लड़कर वापस आ गए.
वीडियो में अमर सिंह कहते हैं, ‘सिंगापुर से मैं अमर सिंह बोल रहा हूं. रुग्ण (बीमार) हूं, त्रस्त हूं व्याधि (दिक्कतों) से लेकिन संत्रस्त (डरा) नहीं. हिम्मत बाकी है, जोश बाकी है, होश भी बाकी है. हमारे शुभचिंतक और मित्रों ने ये अफवाह बहुत तेजी से फैलाई है कि यमराज ने मुझे अपने पास बुला लिया है. ऐसा बिल्कुल नहीं है. मेरा इलाज चल रहा है और मां भगवती की कृपा हुई तो अपनी शल्य चिकित्सा के उपरांत शीघ्र-अतिशीघ्र दोगुनी ताकत से वापस आऊंगा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आप लोगों के बीच सदैव की भांति…जैसा भी हूं, जो भी हूं आपका हूं. बुरा हूं तो अच्छा हूं तो…अपनी चिरपरिचित शैली, प्रथा और परंपरा के अनुकूल जैसे अबतक जीवन जिया है, वैसे ही आगे भी जिऊंगा.’
पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह ने कहा, ‘बाकी हमारे मित्र जो हमारी मृत्यु की कामना कर रहे हैं, वह यह कामना छोड़ दें. हरदम मृत्यु हमारे द्वार को खटखटाती है. एकबार हवाई जहाज से गिर गया था तो भी यमराज ने स्वीकार नहीं किया, झांसी में. दस साल पहले भी गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ फिर भी लौटकर आ गया. 12-13 दिन तक मिडिल ईस्ट में वेंटिलेटर में रहकर मौत से लड़कर आ गया. उन तमाम अवसर के मुकाबले अबकी बार तो बिल्कुल स्वस्थ हूं, बिल्कुल सचेतन हूं.’