देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही मौत के आंकड़े में भी बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना की चपेट में आकर अब तक 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. चौंकाने वाली बात है कि पिछले 11 दिन में ही करीब 10 हजार लोगों ने जान गंवाई है. जान गंवाने वालों में कई वीवीआईपी भी शामिल हैं.
पिछले 11 दिनों से हर रोज औसतन 900 लोगों की मौत हो रही है. 16 अगस्त को ही 944 लोगों की मौत हो गई थी. मौत के बढ़ते आंकड़े के बीच कोरोना मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. कुल मरीजों का आंकड़ा 26 लाख को पार कर गया है, जिसमें 19 लाख से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं.
भले ही पिछले 11 दिन से कोरोना पीड़ितों की मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि पहले 10 हजार मौत के आंकड़े को पार करने में तीन महीने का समय लगा था. देश में कोरोना से मौत का पहला मामला 12 मार्च को आया था. इसके करीब तीन महीने बाद यानी 16 जून को देश में कोरोना से 10 हजार लोगों की मौत हुई थी.
अब तक कोरोना से 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. खास बात है कि इसमें से करीब चालीस फीसदी यानी करीब 20 हजार मौतें अकेले महाराष्ट्र में हुई हैं. महाराष्ट्र कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित है. यहां कुल मरीजों का आंकड़ा 6 लाख के करीब पहुंच गया है, जिसमें डेढ़ लाख से अधिक एक्टिव केस है.
महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु में 5 हजार से अधिक, उत्तर प्रदेश में 2400 से अधिक, पश्चिम बंगाल में 2300 से अधिक, दिल्ली में 4 हजार से अधिक, गुजरात में 2700 से अधिक, कर्नाटक में 3800 से अधिक, आंध्र प्रदेश में 2500 से अधिक, मध्य प्रदेश में एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
कोरोना से मौत के मामले में भारत चौथे नंबर पर है. अमेरिका, ब्राजील और मेक्सिको में भारत से अधिक मौतें हुए हैं. उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अभी तक 3 करोड़ से अधिक कोरोना सैंपल का टेस्ट किया जा चुका है. कोरोना टेस्ट की बढ़ी रफ्तार से न केवल नए मरीजों की संख्या में कमी आई है, साथ ही मृत्यु दर भी कम है.