देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों में लगातार तीसरे दिन बड़ा उछाल देखने को मिला। शनिवार को 69,877 नए मामले सामने आए, यह अब तक एक दिन में संक्रमित मरीजों की सर्वाधिक संख्या है। वहीं, संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 30 लाख के करीब पहुंच गया है। लेकिन अच्छी बात यह है कि संक्रमण से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 22 लाख से ज्यादा हो गई है और जांच में रिकॉर्ड तेजी आई है।
शनिवार सुबह अद्यतन किए गए आंकड़े के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 945 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 55,794 हो गई है। देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 29,75,701 हो गए हैं, जिनमें से 6,97,330 लोगों का उपचार चल रहा है और 22,22,577 लोग उपचार के बाद इस बीमारी से उबर चुके हैं। संक्रमण के कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 74.69 फीसदी हो गई है जबकि मृत्यु दर में गिरावट आई है और यह 1.87 फीसदी है। वहीं, 23.43 फीसदी मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, देशभर में 21 अगस्त तक कुल 3,44,91,073 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से शुक्रवार को एक दिन में 10,23,836 नमूनों की जांच की गई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उम्मीद जताई है कि कोरोना महामारी 1918 के स्पेनिश फ्लू की तुलना में कम समय तक रहेगी। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ट्रेडोस एधनोम घेब्रेयेसस ने शुक्रवार को कहा कि यह महामारी दो साल के भीतर खत्म हो सकती है। हालांकि, इसके लिए उन्होंने दुनियाभर के देशों से एकजुट होने और एक सर्वमान्य वैक्सीन बनने में सफलता मिलने की जरूरत पर बल दिया।।
ट्रेडोस ने कहा कि 1918 के स्पेनिश फ्लू को खत्म होने में दो साल लगे थे। जिनेवा में एक ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा कि ‘आज की परिस्थिति में अब ज्यादा तकनीक और कनेक्टिविटी के कारण वायरस के पास फैलने का भरपूर मौका है।
यह तेजी से भाग सकता है क्योंकि हम एक दूसरे से ज्यादा जुड़े हुए हैं, लेकिन इस समय हमारे पास इसे रोकने की तकनीक भी है और वह ज्ञान भी, जिससे इससे निपटा जा सकता है। ऐसे में हमारे पास वैश्वीकरण, घनिष्ठता, जुड़ाव से नुकसान तो है लेकिन बेहतर तकनीक का फायदा भी है।