राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं को नियंत्रित करने में निर्वाचित व्यवस्था पर उपराज्यपाल की प्रधानता स्थापित करने वाले केंद्र सरकार के कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा। कोर्ट ने कहा कि वो मामले को सूचिबद्ध करने पर सोचेगा। AAP सरकार के वकील अभिषेक सिंघवी ने आग्रह किया कि पूरा प्रशासन ठप हो गया है और मामले की सुनवाई की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली की AAP सरकार को फोरी राहत मिली है। कोर्ट ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं को नियंत्रित करने में निर्वाचित व्यवस्था पर उपराज्यपाल की प्रधानता स्थापित करने वाले केंद्र सरकार के कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करेगा। कोर्ट ने कहा कि वो मामले को सूचिबद्ध करने पर विचार करेगा।
सिंघवी बोले- दिल्ली में प्रशासन ठप्प
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से AAP सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने आग्रह किया कि पूरा प्रशासन ठप हो गया है और मामले की सुनवाई की जरूरत है।
सीजेआई ने कहा कि फिलहाल नौ जजों की बेंच में मामला चल रहा है और वह इस दलील पर विचार करेंगे।
अभी इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ
वर्तमान में सीजेआई की अध्यक्षता वाली नौ-न्यायाधीशों की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है कि क्या निजी संपत्तियों को संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत “समुदाय के भौतिक संसाधन” माना जा सकता है, जो राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांतों का एक हिस्सा है।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले केंद्र के 19 मई के पिछले साल के अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ के पास भेज दिया था, जिसने शहर की व्यवस्था के कई हिस्सों पर दिल्ली सरकार का अधिकार बताया। बाद में, इस मुद्दे पर अध्यादेश से एक केंद्रीय कानून लाया गया।