दिल्ली मेट्रो में यात्रियों को महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर विशेष अभियान शुरू किया है। सुल्तानपुर मेट्रो स्टेशन से शुरू हुआ यह अभियान 10 जनवरी तक चलेगा।
एक माह तक मेट्रो ट्रेनों और कुछ स्टेशनों पर महिलाओं की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, डिजिटल समावेशन, प्रसवपूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएएनडीटी) और टीबी जागरूकता से संबंधित संदेश दिए जाएंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि डब्ल्यूएचओ के सहयोग से, दिल्ली के लोगों तक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने के लिए दिल्ली मेट्रो में अभियान शुरू किया है। जब महिला स्वस्थ होती है, तो परिवार और राष्ट्र स्वस्थ रह सकते हैं। इस अभियान का उद्देश्य पीसीपीएएनडीटी अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करना और इसके बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
गर्भधारण के समय लिंग निर्धारण न कराने का आग्रह करना है। उन्नत तकनीकों का दुरुपयोग कभी-कभी अजन्मे बच्चे का लिंग निर्धारण करने के लिए किया जाता है। इस अधिनियम का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या से लड़ना और देश में घटते लिंग अनुपात को संबोधित करना है।
उन्होंने कहा, यह अभियान तपेदिक (टीबी) पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। इससे देश में टीबी मुक्त अभियान को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली में टीबी के मामले अधिक होने के कारण, इस अभियान का उद्देश्य राज्य और राष्ट्र में इस घातक संक्रामक रोग से लड़ने के लिए जन आंदोलन चलाना है।
दिल्ली में जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच टीबी के 98,309 मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रव्यापी टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत, राज्य ने अब तक लगभग 8.78 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की है और नए टीबी मामलों की पहचान में तेजी लाने के लिए लगभग 3.8 लाख छाती के एक्स-रे भी किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया की प्रभारी अधिकारी डा. कैथरीना बोहेम ने भी कहा कि स्वस्थ महिलाएं एक स्वस्थ परिवार, समुदाय और एक स्वस्थ राष्ट्र के स्तंभ हैं।
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