मेट्रो फेज चार के पहले तीन कॉरिडोर के लिए दिल्ली सरकार, डीएमआरसी और केंद्र सरकार के बीच एमओयू साइन करने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंजूरी दी। वहीं, लंबित तीन कॉरिडोर को केंद्र सरकार से जल्द मंजूरी दिलाने का प्रयास दिल्ली सरकार करेगी। फेज चार के सभी कॉरिडोर तैयार होने के बाद दक्षिणी, बाहरी और मध्य दिल्ली के बीच का सीधा संपर्क हो जाएगा। इसका फायदा कारोबारियों के साथ ही आम लोगों को होगा।
दरअसल, मेट्रो फेज चार के तहत छह कॉरिडोर बनाए जाने हैं। इनमें से तीन मेट्रो कॉरिडोर पर काम चल रहा है। इसमें जनकपुरी वेस्ट से रामकृष्ण आश्रम, दिल्ली एयरोसिटी से तुगलकाबाद स्टेशन और मजलिस पार्क से मौजपुर कॉरिडोर शामिल हैं। इस मंजूरी के बाद इन कॉरिडोर के निर्माण में तेजी आएगी। एमओयू साइन होने से इन तीनों कॉरिडोर के निर्माण कार्य की राह में आ रही सारी अड़चनें पूरी तरह से दूर होंगी। ये तीनों मेट्रो कॉरिडोर 65.20 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 45 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे।
इन तीन की नहीं मिली मंजूरी
फेज चार के तहत अभी तीन कॉरिडोर को मंजूरी नहीं मिली है। इसमें लंबित पहला कॉरिडोर रिठाला से बवाना व नरेला होकर कुंडली तक जाएगा, जबकि दूसरा इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ और लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक बनाया जाएगा। 47.225 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में 39 स्टेशन होंगे। दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार के पास लंबित इन तीनों कॉरिडोर का भी जल्द से जल्द मंजूरी लेने का प्रयास चल रहा है।
एएमयू से अड़चन होगी दूर
दिल्ली सरकार प्रोजेक्ट की जमीन को बिना किसी बाधा के तुरंत ट्रांसफर करने के लिए सभी आवश्यक कदम सुनिश्चित करेगी और उसे डीएमआरसी को सौंपेगी। इस कार्रवाई में सरकारी भूमि का पट्टा, हस्तांतरण या निजी जमीन की खरीद या अधिग्रहण शामिल होगा। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी (एचपीसी) गठित होगी। इसमें दिल्ली सरकार के संबंधित विभागों के सचिव, नगर निगमों के प्रमुख आदि समेत अन्य सदस्य होंगे। इसका उद्देश्य दिल्ली से जुड़े सभी मुद्दों, विशेषकर जमीन अधिग्रहण, प्रोजेक्ट के स्ट्रक्चर में बदलाव, प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास, मल्टी मॉडल आदि से जुड़े मुद्दों का समाधान और उनकी स्थिति को सुनिश्चित करना होगा। यह समझौता ज्ञापन तब तक प्रभावी और वैध रहेगा, जब तक प्रोजेक्ट के लिए ऋण का पूरा भुगतान नहीं कर दिया जाता। यह भी समझा जाता है कि इस एमओयू को दिल्ली सरकार और भारत सरकार की आपसी सहमति से आगे बढ़ाया जा सकता है।
2026 तक पूरे होंगे तीनों कॉरिडोर
जनकपुरी वेस्ट से रामकृष्ण आश्रम मार्ग का पहला कॉरिडोर 29.262 किलोमीटर का होगा, जिसमें 22 मेट्रो स्टेशन होंगे। दूसरा कॉरिडोर दिल्ली एयरोसिटी से तुगलकाबाद स्टेशन तक बनेगा, जो 23.622 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 15 मेट्रो स्टेशन होंगे। तीसरा कॉरिडोर मजलिस पार्क से मौजपुर तक बनेगा, जो 12.318 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 8 स्टेशन होंगे। इस तरह इन तीनों कॉरिडोर की कुल लंबाई 65.202 किलोमीटर का होगा, जिसमें कुल 45 मेट्रो स्टेशन होंगे। यह तीनों कॉरिडोर 2026 तक पूरे हो कर लिए जाएंगे।
फेज चार के तीन कॉरिडोर को मंजूरी का इंतजार
फेज चार का चौथा कॉरिडोर रिठाला से बवाना, नरेला होकर कुंडली तक जाएगा। इसकी कुल लंबाई 26.463 किलोमीटर है, जिसमें 21 मेट्रो स्टेशन होंगे। पांचवां मेट्रो कॉरिडोर इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ तक बनेगा, जिसकी लंबाई 12.377 किमी होगा और इसमें 10 स्टेशन होंगे। वहीं, छठा मेट्रो कॉरिडोर लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक बनेगा। इसकी लंबाई 8.385 किमी की होगी और इसमें 8 स्टेशन होंगे। इस तरह तीनों कॉरिडोर करीब 47.225 किलोमीटर लंबा होंगे और इसमें 39 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। अधिकारी बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने इन कॉरिडोर को भी जल्द से जल्द मंजूरी दिलाने के लिए अफसरों को निर्देश दिया है, ताकि इस पर भी जल्द से जल्द काम चालू हो सके।