आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में ये दल विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार घेरने के लिए रैली कर रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी के नेतृत्व में रैली हो रही है दिल्ली के जंतर मंतर पर आप द्वारा आयोजित ‘तानाशाही हटाओ, देश बचाओ’ रैली शुरू हो गई है. इस रैली को विपक्षी दल के तमाम नेता संबोधित करेंगे.विपक्षी दल के नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है. आरजेडी की ओर से सांसद जयप्रकाश यादव पहुंचे हैं.
ममता बनर्जी भी पहुंचीं AAP के कार्यक्रम में पहुंचने से पहले ससंद पहुंच चुकी हैं. उन्होंने संसद परिसर में चल रहे प्रदर्शन में हिस्सा लिया. यहां पहुंचते ही ममता ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और राफेल डील में घोटाले का भी जिक्र किया.
आप पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय के मुताबिक रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और एनसीपी के प्रमुख शरद पवार हिस्सा लेंगे.
उन्होंने बताया, समाजवादी पार्टी, डीएमके, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोक दल और अन्य पार्टियों के नेता भी महारैली को संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी रैली में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है.
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पार्टी ने उन सभी विपक्षी नेताओं को निमंत्रण भेजा है जो पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष बनर्जी की ओर से आयोजित की गई भाजपा विरोधी रैली में आए थे. सूत्रों ने बताया कि आम चुनाव में कुछ महीने ही शेष रह गए हैं, ऐसे में यह रैली भाजपा और उसके गठबंधन NDA के सहयोगियों को चुनौती देने के वास्ते एक महागठबंधन बनाने के लिए विपक्षी नेताओं को साथ लाएगी.
इससे पहले मंगलवार को एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में विपक्षी दलों की एकता एक बार और देखने को मिली. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को राज्य की भाजपा सरकार ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल होने से रोक दिया. इस मामले को समाजवादी पार्टी ने जोरशोर से उठाया. इसकी गूंज संसद में भी सुनाई दी और देशभर के विपक्षी दलों के नेताओं ने भाजपा सरकार के इस कदम की निंदा की.
इससे पहले, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के दिल्ली में एक दिवसीय अनशन और उससे पहले ममता बनर्जी के केंद्र सरकार के खिलाफ धरने में भी विपक्षी नेताओं की एकजुटता देखने को मिली थी.