दिल्ली में बाढ़ से निपटने की तैयारी… फ्लड कंट्रोल ऑर्डर 2025 जारी

बुधवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में फ्लड कंट्रोल ऑर्डर 2025 जारी किया गया। यह आदेश सभी विभागों के लिए गाइडबुक की तरह काम करेगा, जिसमें जल निकासी, आपदा प्रबंधन और समन्वय के निर्देश हैं।

दिल्ली को बाढ़ और जलभराव से बचाने के लिए सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है। बुधवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में फ्लड कंट्रोल ऑर्डर 2025 जारी किया गया। यह आदेश सभी विभागों के लिए गाइडबुक की तरह काम करेगा, जिसमें जल निकासी, आपदा प्रबंधन और समन्वय के निर्देश हैं। 2023 की भीषण बाढ़ से सबक लेते हुए इस बार मानसून से पहले ही तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

दिल्ली सचिवालय में हुई एपेक्स कमेटी की बैठक में बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, 2023 में यमुना का जलस्तर 208.6 मीटर तक पहुंचने से कई इलाके डूब गए थे, जिससे भारी नुकसान हुआ। इस बार ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए सभी विभागों ने पहले से काम शुरू कर दिया है। फ्लड कंट्रोल ऑर्डर 2025 में पीडब्लूडी, एमसीडी, दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग जैसी एजेंसियों की जिम्मेदारियां, संपर्क नंबर और आपदा प्रबंधन की पूरी जानकारी है। बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, आशीष सूद, सांसद कमलजीत सेहरावत, रामवीर सिंह बिधूड़ी, योगेंद्र चांदोलिया, बांसुरी स्वराज, विधायक जीतेन्द्र महाजन, मनोज कुमार शौकीन, अनिल कुमार शर्मा, शिखा रॉय और बाढ़ नियंत्रण में भूमिका निभाने वाली एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।

नालों की सफाई में तेजी आई
मुख्यमंत्री ने कहा, नालों की सफाई में तेजी आई है। पीडब्लूडी और एमसीडी ने 80-90 फीसदी डी-सिल्टिंग पूरी कर ली है, जिसमें 20 लाख मीट्रिक टन गाद हटाई गई। सिंचाई विभाग के 419 किमी लंबे 57 नालों की सफाई के लिए 64 मशीनें लगी हैं। पीडब्ल्यूडी के 153 पंप हाउस में 749 पंप और एमसीडी के 79 स्थायी व 465 अस्थायी पंप तैयार हैं। दिल्ली जल बोर्ड का कंट्रोल रूम चौबीस घंटे काम करेगा, जहां सीवर की समस्याओं की शिकायत दर्ज होगी। मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, आशीष सूद और मनजिंदर सिंह सिरसा की अगुआई में सेक्टर कमेटियां बनाई गई हैं।

15 जून से शुरू होगा सेंट्रल फ्लड कंट्रोल रूम
15 जून से डीएम ईस्ट ऑफिस में सेंट्रल फ्लड कंट्रोल रूम शुरू होगा, जो सभी एजेंसियों के साथ समन्वय करेगा। 15 वायरलेस स्टेशन यमुना के जलस्तर और जलभराव पर नजर रखेंगे। यमुना का जलस्तर 204.5 मीटर पार करने पर निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए 14 जगहों पर नावें तैनात होंगी। बैराज और रेगुलेटर की मरम्मत पूरी हो चुकी है।

पिछली सरकारों ने बाढ़ को गंभीरता से नहीं लिया : सीएम
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले बाढ़ को गंभीरता से नहीं लिया गया, लेकिन अब सभी विभाग अलर्ट हैं। जलभराव वाले इलाकों में नोडल अधिकारी और मोबाइल पंप तैनात किए गए हैं। पीडब्ल्यूडी का हेल्पलाइन नंबर (011-23490323, 8130188222, टोल-फ्री 1908) शिकायतों के लिए उपलब्ध है।

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