स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र ने निर्णय लिया है कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति को काबू में करने के लिए आईसीयू बेड समेत सभी बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। कोरोना जांच की संख्या को दोगुना करने का प्रयास किया जाएगा और इसे एक से 1.2 लाख जांच रोजाना किया जाएगा। इसके साथ ही कोरोना से संबंधित दिशा-निर्दशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
राजेश भूषण ने कहा कि सरकार की ओर से निर्धारित मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए दिल्ली के करीब 4000 कंटेनमेंट जोन में मैनपावर बढ़ाई जाएगी। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक में राजधानी में कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए फैसले लिए गए थे, जिसमें एक यह भी था कि मंत्रालय की ओर से गठित दल दिल्ली के सभी निजी अस्पतालों का निरीक्षण करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने कहा कि नई दिल्ली में कोरोना वायरस की दैनिक जांच के औसत में जून के बाद बढ़ोतरी हुई थी। इसके साथ ही यहां अगस्त मध्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी दर्ज की गई थी। लेकिन, अक्तूबर के बाद से दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में रिकॉर्ड बढ़त देखी गई थी। उन्होंने कहा, हालांकि पिछले 48 घंटे में कोरोना संक्रमण के काफी कम नए मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन केवल इसके आधार पर हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते हैं।
वहीं, प्रेस वार्ता में मौजूद नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने नई दिल्ली में कोरोना संक्रमण से निपटने के इंतजामों की जानकारी देते हुए कहा कि यहां फिलहाल 3500 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। आईसीयू बेड की संख्या को आने वाले कुछ दिनों में बढ़ाकर 6000 किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली के सभी कंटेनमेंट जोन में घर-घर सर्वे होगा। महामारी को लेकर गंभीर अन्य जोन में भी यह सर्वे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुल सात से आठ हजार टीमों को इस काम में लगाया जाएगा।