राजधानी में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अपराध में 12.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इनमें सबसे ज्यादा वारदात वाहन चोरी व अन्य चोरियों की हैं। बाकी अपराध राजधानी में कम हुए। महिला के प्रति अपराध में भी कमी आई है। दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने अपराध बढ़ने के पीछे पड़ोसी राज्यों के लोगों के ऑनलाइन एफआईआर और ई-एफआईआर कराने को कारण बताया है।दिल्ली पुलिस आयुक्त ने बृहस्पतिवार को अपराध के सालाना आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि वाहन चोरी व अन्य चोरियों को छोड़कर बाकी सभी अपराध में कमी आई है। 2016 में आईपीसी के तहत 209519 मामले दर्ज हुए थे।
वहीं 2017 में कुल 223075 मामले दर्ज किए गए। दुष्कर्म और महिलाओं के प्रति अपराध भी कम हुए हैं। महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले 2016 में 2064 दर्ज हुए थे। इसमें 0.73 फीसदी की कमी आई है। इस वर्ष 2049 मामले दर्ज हुए हैं।
ये हैं पूर्वोत्तर दिल्ली के क्राइम आंकड़े
पुलिस के मुताबिक, 38 फीसदी दुष्कर्म के मामलों में आरोपी पीड़ित के खास जानकार ही निकले। पूर्वोत्तर के लोगों के साथ अपराध में 60 फीसदी की कमी आई है। जबकि, एक्साइज के मामलों में इजाफा हुआ है। इसके अलावा 2017 में 2753 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
2016 के मुकाबले वर्ष 2017 में आपराधिक वारदातों में हथियारों का कम इस्तेमाल हुआ है। 2016 में 912 वारदातों में हथियारों को इस्तेमाल हुआ था। 2017 में 854 वारदातों में बदमाशों ने हथियारों को इस्तेमाल किया।
पिछले वर्ष के मुकाबले 2017 में पुलिस ने आठ फीसदी ज्यादा मामलों को सुलझाया है। पुलिस आयुक्त के मुताबिक, पड़ोसी राज्य के लोग सबसे ज्यादा ऑनलाइन एफआईआर करवाते हैं।
इस वर्ष ये रहेंगी प्राथमिकताएं
हाईकोर्ट के आदेश के बाद बच्चों की गुमशुदगी भी ऑनलाइन ही दर्ज कराई जाती है। इस कारण से अपराध के ग्राफ में इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने आंकड़ों में जादूगरी कर वाहन चोरी व अन्य चोरियों को छोड़कर अन्य अपराध को प्रति लाख जनसंख्या पर दिखाकर कम दिखाया है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बताया कि अगले वर्ष स्ट्रीट क्राइम व महिलाओं की सुरक्षा इस वर्ष प्रमुख प्राथमिकताएं रहेंगी। इसके अलावा पुलिस व जनता का दोस्ताना व्यवहार, भ्रष्टाचार को खत्म करने, आतंकवाद को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने और रोड सेफ्टी व ट्रैफिक मैनेजमेंट के कदम उठाना उनकी प्राथमिकताएं रहेंगी।