नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में पिछले साल हुए दंगे से जुड़े मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. कड़कडडूमा कोर्ट ने शरजील इमाम, उमर खालिद , देवंगना कलीता, आसिफ इकबाल तन्हा, नताशा नरवाल समेत अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत को 19 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है. ये लोग यूएपीए के तहत जेल में बंद हैं.
इन आरोपियों ने भी कोर्ट से शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें जेल में चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी मुहैया नहीं कराई जा रही है. इन आरोपियों की शिकायत पर कोर्ट 19 जनवरी को सुनवाई करेगा. जानकारी के मुताबिक, उमर खालिद के वकील ने कहा कि उनको E-चार्जशीट की कॉपी उपलब्ध कराई जाए. इसपर सरकारी वकील ने कहा कि उमर खालिद को जेल के कंप्यूटर पर चार्जशीट की एक प्रति उपलब्ध कराई जाएगी. शरजील इमाम के वकील ने कहा कि वह पिछले डेढ़ महीने से जेल में है और अभी लगे आरोपों के बारे में नहीं मालूम है. कहा गया कि यह फेयर ट्रायल के खिलाफ है. वकील ने कहा कि शरजील का दंगे में कोई रोल नहीं था.
दूसरे आरोपी अतहर खान के वकील ने आरोप लगया कि जब भी उन्हें मेडिकल जांच के लिए बाहर ले जाया जाता है उसके बाद सिर्फ अतहर को 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाता है लेकिन दूसरों के साथ ऐसा नहीं होता हैय सरकारी वकील ने कहा कि क्वारंटीन को लेकर हाई लेवल कमेटी फैसला करती है.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 लोग घायल हो गए थे.
बता दें कि 23 नवंबर को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद (Umar Khalid) और छात्र शरजील इमाम के खिलाफ अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किए थे. पुलिस ने पूरक आरोप पत्र में कहा था कि उमर खालिद 23 फरवरी को दिल्ली (Delhi) छोड़कर गए थे और 27 फरवरी को वापस लौटकर आए थे. पुलिस ने खालिद, इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ कठोर गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किए थे.
930 पन्नों की अपनी चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि साजिश के तहत, खालिद 23 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) की यात्रा के दौरान शहर से बाहर चले गए थे और 27 फरवरी को वापस आए थे. वह पटना गए थे.