दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को बताया कि राजधानी के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन पूरी तरह खत्म हो गई है। सरोज, राठी, शांति मुकुंद, तीरथ राम अस्पताल, यूके अस्पताल, जीवन अस्पताल का कहना है कि हमारे यहां ऑक्सीजन खत्म हो गई है। हम जैसे-तैसे उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर देने की कोशिश कर रहे हैं।
सिसोदिया ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने दिल्ली का ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ा दिया है तो हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारें इस तरह का व्यवहार क्यों कर रही हैं, जैसे दिल्ली का उत्तर प्रदेश और हरियाणा से झगड़ा है। यह समय एक-दूसरे से लड़ने का नहीं बल्कि एकजुट होने का है।
अभी दिल्ली के कई अस्पताल गंभीर ऑक्सीजन संकट का सामना कर रहे हैं। कुछ में ऑक्सीजन पूरी तरह से खत्म हो गई है, मुझे सुबह से ही अस्पतालों से मैसेज और ईमेल मिल रहे हैं। हम किसी तरह उन्हें दूसरे अस्पतालों से रीक्रिएट करके सिलेंडर मुहैया करा रहे हैं, जिनका स्टॉक थोड़ा ज्यादा है।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन संकट के पीछे बड़ा कारण हरियाणा-यूपी द्वारा ऑक्सीजन के लिए ‘जंगल राज’ है। उनकी सरकारें, अधिकारी और पुलिस अपने ऑक्सीजन प्लांटों से दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं करने दे रहे हैं। हमारे अधिकारियों ने उनके साथ बात की, मैंने भारत सरकार से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन चीजें जमीन पर नहीं बदल रही हैं।
बता दें कि, दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार रात को केंद्र को आदेश दिया था कि वह तुरंत ऑक्सीजन की उन अस्पतालों को आपूर्ति करे, जहां उसकी जरूरत है और जहां पर कोविड-19 के उन मरीजों का इलाज हो रहा है, जिनकी हालत गंभीर है। अदालत ने टिप्पणी की कि ऐसा लगता है कि राज्य के लिए इंसानों की जान की कोई कीमत नहीं है। इस दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वस्त किया था कि वह दिल्ली को आवंटित 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था करेगी और यह बिना किसी बाधा के दिल्ली पहुंचेगी। हालांकि, कई निजी अस्पतालों ने शिकायत की कि उन तक कोई मदद नहीं पहुंची है।
जनकपुरी स्थित 210 बेड्स के माता चानन देवी अस्पताल के अधिकारियों ने दिल्ली सरकार को आपात संदेश भेज कर कहा कि मरीजों के अनुपात में उनके यहां ऑक्सीजन की कमी है।
आईसीयू के प्रमुख डॉक्टर ए.सी. शुक्ला ने कहा कि करीब 40 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं। हमें बुधवार रात करीब 500 किलोग्राम ऑक्सजीन मिली। सप्लायर को तड़के चार बजे और ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी थी, लेकिन तब से वह फोन नहीं उठा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप से हमें 21 डी श्रेणी के सिलेंडर मिले, लेकिन इसकी नियमित आपूर्ति की जरूरत है। स्थित बहुत ही गंभीर है।
वहीं, 50 बेड्स वाले धर्मवीर सोलंकी अस्पताल के डॉ. पंकज सोलंकी ने बताया कि अस्पताल बैकअप में रखी ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर रहा है जो गुरुवार दोपहर तक ही चल सकेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से 30 मरीजों को स्थानांतरित करने के लिए संपर्क किया गया है। हालांकि, कुछ बड़े अस्पतालों ने कहा कि उन्हें गत रात को ऑक्सीजन की नई खेप मिली है एवं और आने की उम्मीद है।लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि ऑक्सीजन के तीन टैंकर रात को अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुबह साढ़े आठ बजे तक आठ घंटे के लिए ऑक्सीजन बची थी। हां, अब और आ रही है।
दिल्ली में कोरोना के 24,638 नए मामले, 249 रोगियों की मौत
दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 24,638 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 9,30,179 हो गई। इसके अलावा 249 रोगियों की मौत होने के बाद मृतकों की तादाद 12,887 हो गई है। एक स्वास्थ्य बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। राजधानी में संक्रमण की दर 31.28 प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि हर तीसरे नमूने में संक्रमण की पुष्टि हुई है। साथ ही दिल्ली ऑक्सीजन और बेड्स की किल्लत से भी जूझ रही है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अस्पतालों में रात 11 बजे तक कोविड रोगियों के लिए केवल 18 बेड्स बचे हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि पिछले दिन 78,768 जांचें की गईं। इनमें से 45,088 आरटी-पीसीआर जांच की गई हैं। बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में अब तक 8.31 लाख से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 85,364 है।