दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आज हुई. बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे. बैठक में हिंसा के दौरान मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा हालात चिंताजनक है. एक साजिश के तहत हालात बिगड़े. बीजेपी नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए.
चुनाव के दौरान नफरत फैलाया. दिल्ली की स्थिति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं. गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछा कि रविवार को गृह मंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? हिंसा वाली जगहों पर कितनी पुलिस फोर्स लगी? बिगड़ते हालात के बाद भी सेना की तैनाती क्यों नहीं की गई? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे थे?
बैठक से पहले कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा. चिदंबरम ने अपनी ट्वीट में कहा कि चाहे गृह मंत्री हो या फिर गृह मंत्रालय, सरकार का कर्तव्य है कि वह हिंसा को रोके. हिंसा सोमवार से जारी है और अब भी हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. यह दिल्ली पुलिस की भारी विफलता को दिखाता है.
फिलहाल, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा के चलते तनाव बरकरार है. हिंसा में मरने वालों की संख्या 20 तक जा पहुंची है, तो वहीं करीब 200 लोग घायल बताए जा रहे हैं.
हिंसा में घायलों की सुरक्षा और बेहतर इलाज के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस एस. मुरलीधर के घर आधी रात को सुनवाई हुई. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करने का निर्देश दिए.