दवाओं के निर्माण में कच्चे माल की आपूर्ति के लिए मध्यप्रदेश में बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने की हों रही मांग

एंटीबायोटिक समेत अन्य 50 से अधिक दवाओं में उपयोगी कच्चा माल मध्य प्रदेश की दवा निर्माण कंपनियां चीन से खरीदती हैं। लेकिन डोकलाम व गलवन घाटी में जारी टकराव के बीच चीन ने कच्चे माल की कीमतें 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ा दीं हैं। ऐसे में प्रदेश की 140 से अधिक दवा निर्माता कंपनियों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। लिहाजा, वे दवाओं के मामले में चीन पर निर्भरता छोड़ने का मन बना रहे हैं और प्रदेश सरकार से मप्र में बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने की मांग की है। एफएमपीसीसीआई भोपाल (फेडरेशन ऑफ मप्र चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) के जरिए दवा निर्माताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रस्ताव रखा है। उनका कहना है कि देश में तीन बल्क ड्रग पार्क स्थापित किए जाएंगे। इनमें से यदि एक मप्र में स्थापित हो जाता है तो फिर चीन से दवाइयों का कच्चा माल खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दवा निर्माण में मप्र आत्मनिर्भर हो जाएगा।

गलवन घाटी मामले के बाद उठाई मांग

लद्दाख के गलवन घाटी क्षेत्र में चीन की कायराना हरकत से हर तरफ गुस्सा देखने को मिल रहा है। चूंकि, चीनी सामान की बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है। लिहाजा, व्यापारी और आमजन सामान का बहिष्कार करने लगे हैं। इसी बीच एफएमपीसीसीआई ने मप्र सरकार के समक्ष बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। पदाधिकारियों की मानें तो ड्रग्स पार्क खुलने से मप्र के दवा निर्माताओं को चीन से कच्चा माल नहीं मंगाना प़ड़ेगा। वहीं दवाइयों की कीमत भी कम हो जाएगी। दवा निर्माताओं ने गलवन घाटी मामले के बाद यह मांग उठाई है।

पार्कों में ये सुविधाएं मिलेंगी

– सॉल्वेंट रिकवरी प्लांट, डिस्टिलेशन प्लांट, बिजली, स्टीम यूनिट्स, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट जैसी सामान्य सुविधाएं होंगी।

– चिन्हित 53 अति महत्वपूर्ण बल्क ड्रग के योग्य निर्माताओं को सरकार अगले 6 वर्ष के लिए सहायता देगी। वर्ष 2019-20 को आधार वर्ष माना जाएगा।

मप्र में मंजूरी तो ये मिलेगा फायदा

– दवा की उत्पादन लागत में कमी आएगी। इससे आमजनों को भी सस्ते दाम पर दवा मिल सकेगी।

– बल्क ड्रग के लिए चीन समेत अन्य देशों पर निर्भरता भी कम हो जाएगी।

ये कच्चा माल आता है चीन से

दवा निर्माताओं के अनुसार एंटीबायोटिक के अलावा देश में पैरासिटामॉल, डायक्लोफैनेक सोडियम आदि भी चीन से आता है। यह दवा बनाने के लिए सबसे अधिक जरूरी है। अन्य कई दवाइयां भी हैं, जिनका कच्चा माल चीन से ही आता है।

फैक्ट फाइल

देश में 3 बल्क ड्रग पार्क प्रस्तावित

1000 करोड़ : प्रति पार्क भारत सरकार करेगी राज्यों को वित्तीय सहायता

एक पार्क मध्य प्रदेश में खोलने का प्रस्ताव

140 दवा कंपनियों ने रखा प्रस्ताव

53 योग्य निर्माताओं को मध्य प्रदेश में पार्क बनने के बाद छह वर्ष में दी जाएगी सहायता

भारत सरकार देश में तीन बल्क ड्रग पार्क स्थापित करेगी। इसमें से एक मप्र में स्थापित किए जाने का प्रस्ताव मप्र सरकार के समक्ष रखा है। इसके बाद चीन पर हमारी 50 से अधिक दवाओं में उपयोगी कच्चे माल के लिए निर्भरता नहीं रहेगी। एंटीबायोटिक समेत अन्य दवाओं का कच्चा माल चीन से ही खरीदा जाता है। वहीं, अधिकांश केमिकल प्लांट भी चीन में ही हैं।

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