तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा से जब अमेरिकी और चीनी मीडिया ने पूछा कि वह भारत के बेटे कैसे हैं तो उन्होंने इसका बड़ा ही रोचक जवाब दिया. उन्होंने विदेशी मीडिया को बताया कि उनके भारत का बेटा होने के पीछे एक बड़ी वजह भारतीय व्यंजन दाल-चपाती और डोसा भी है. जी हां, खुद धर्मगुरु ने यह बात बताई है.
दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा ने बताया कि ‘चीन और अमेरिका की मीडिया ने मुझसे पूछा कि आपको क्या भारत का बेटा बनाता है. तो इस पर मैंने जवाब दिया कि मेरा दिमाग नालंदा के विचारों से भरा हुआ है और यह शरीर भारत के दाल-चपाती और डोसा पर निर्भर है. लिहाजा, शारीरिक और मानसिक रूप से मैं इस देश का हूं. इस तरह मैं भारत का बेटा हूं’.
वर्तमान दलाई लामा की उम्र 83 वर्ष है और फिलहाल वह निर्वासन में भारत में रह रहे हैं. उन्हें शीर्ष लामाओं ने उस समय दलाई लामा घोषित किया था जब वह केवल दो वर्ष के थे. पूर्वोत्तर तिब्बत के तक्तसेर गांव में पैदा हुए दलाई लामा को इनती छोटी उम्र में ही धर्मगुरु की मान्यता दी गई. माना गया कि उनका 13वें दलाई लामा थुबतेन ग्यातो के रूप में पुनर्जन्म हुआ है. वह वर्ष 1959 में चीनी शासन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद भारत चले आए.
चीन ने वर्ष 1950 में तिब्बत पर कब्जा कर लिया था और हजारों तिब्बतियों को अपना पहाड़ी देश छोड़कर भारत के हिमाचल प्रदेश में शरणार्थी के रूप में बसने को मजबूर होना पड़ा था.