थानेदार की करतूत से पूरा महकमा सकते में, चार पुलिसकर्मियों संग हो गए गिरफ्तार

बिहार की राजधानी पटना में 18.41 लाख की मोटी रकम की लूट की घटना आपको याद होगी। पांच दिन पहले लुटेरों ने इस घटना को अंजाम दिया था। इसमें बड़ा खुलासा हुआ है। हैरतनाक जानकारी पाकर वरीय पुलिस अधिकारी सन्‍न हो गए। लूट की रकम को लुटेरों ने घटना के महज 20 मिनट में बांट लिया था। पुलिस ने उन लुटेरों को घूस लेकर छोड़ भी दिया। पटना के वरीय पुलिस अधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया और कड़ी कार्रवाई करते हुए थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।  

गिरफ्तार पुलिसकर्मी तत्‍काल प्रभाव से सस्‍पेंड

गिरफ्तार किए गए पुलिसकर्मियों में बेउर थाने के थानेदार सह इंस्पेक्टर प्रवेश भारती समेत दारोगा सुनील चौधरी, सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) विनोद राय और होमगार्ड कृष्ण मुरारी एवं विनोदी शर्मा शामिल हैं। सभी बेउर थाने में पदस्थापित थे। इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के साथ आइपीसी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपितों में मामले का जांचकर्ता फुलवारीशरीफ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजय कुमार पांडेय को बनाया गया है।

18.41 लाख सिक्‍कों की हुई थी लूट

15 जुलाई की देर रात नौबतपुर थाना क्षेत्र के गोआए गांव के पास दो बाइक पर सवार बदमाशों ने कैश मैनेजमेंट कंपनी की पिकअप वैन लूट ली थी, जिसमें 18.41 लाख रुपये के सिक्के थे। सिक्के दस, पांच और दो रुपये के थे। उसी रात बेउर थाने की गश्ती पुलिस ने पिकअप वैन को रोक लिया था, जिसमें सुधीर उर्फ सोनू, पप्पू, ¨पटू समेत दो अन्य लुटेरे शामिल थे। सुधीर चालक था। उसने लाइनर की भूमिका अदा की थी। गश्ती पुलिस सभी को थाने पर लेकर गई। थानाध्यक्ष भी पहुंचे। सौदा डेढ़ लाख रुपये में तय हुआ। इसके बाद उन्होंने सुधीर उर्फ सोनू को पिकअप वैन के साथ छोड़ दिया। अन्य तीन आरोपितों को एक दिन तक बंधक बनाकर रखा। उनसे भी मोटी रकम वसूली और रिहा कर दिया। छूटने के बाद चालक ने मनगढ़ंत कहानी रची और मसौढ़ी से पुलिस को कॉल कर बताया कि लुटेरे सिक्का लूटने के बाद उसे यहां छोड़ गए।

बदमाशों को दबोचने के बाद थानेदार की करतूत आई सामने

शुक्रवार की रात पुलिस ने चार बदमाशों को दबोचने के बाद सुधीर को पकड़ लिया। उसने रिश्वतखोरी की पूरी कहानी बयां कर दी। इसके बाद पूछताछ के लिए शनिवार की शाम बेउर थानाध्यक्ष और गश्ती दल को बुलाकर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। कार के साथ दो लाख मूल्य के लूटे गए सिक्के भी बरामद किए गए हैं। थाने का निजी चालक भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है। 

चालक मिलीभगत आई सामने

नौबतपुर के गवाय मोड़ के पास रेडिएंट कैश मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के 18.41 लाख के सिक्के लूटने के मामले में पिकअप वैन के चालक सुधीर कुमार ने ही बदमाशों का साथ दिया था। वारदात को अंजाम देने के लिए सात बदमाश दो कारों में सवार होकर पहले से ही मोड़ पर खड़े थे। बदमाशों ने पिकअप वैन में सिक्कों के साथ सवार रिस्क मैनेजर महेश प्रसाद, चालक सुधीर और खलासी राजू को पिस्टल के बल पर बंधक बना लिया।

53 पैकेटों में किया था सिक्‍कों का बंटवारा

महेश को चालक की मिलीभगत का अहसास न हो, इसके लिए पप्पू और पिंटू ने चालक की पिटाई की थी। फिर सिक्कों से भरी पिकअप वैन में ही चालक, मैनेजर और खलासी के हाथ पैर बांधकर मसौढ़ी के नूरा की तरफ ले गए और वहीं सड़क किनारे फेंक दिया। कुछ दूर आगे बढ़ने पर पिकअप वैन में लोड 53 पैकेट सिक्कों का बंटवारा कर दिया। इसमें कार में सवार पप्पू, ¨पटू सहित दो अन्य को करीब दो लाख रुपये के सिक्के मिले थे।

सुधीर ने उगले राज, कराई गई पहचान

पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू की। रिस्क मैनेजर और रांची रीजनल हेड से बातचीत के बाद पता चला कि मैनेजर महेश ने जिस पिकअप वैन को बुक किया था उसके चालक सुधीर को पहले ही पता था कि 18 से 20 लाख रुपये के सिक्के रांची जाने वाले हैं। पिकअप वैन बिहारशरीफ से होकर जाने वाली थी। लेकिन, चालक सुधीर रिस्क मैनेजर को रास्ता खराब होने का हवाला देकर नौबतपुर की तरफ लेकर चला गया था।चालक ने पूछताछ में बताया कि उसने ही पप्पू को अपने मोबाइल से पटना से गाड़ी लेकर नौबतपुर की तरफ निकलने की सूचना दी थी। सुधीर ने पप्पू और पिंटू के घर का पता दिया। पुलिस घटना में संलिप्त दो अन्य बदमाशों और लूटी गई पिकअप वैन की तलाश में छापेमारी कर रही है।

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