उत्तराखंड में बुधवार को लंबे समय बाद मौसम ने करवट बदली और पहाड़ी इलाकों में बारिश हुई। वहीं, चमोली के थराली में कई गांव में तेज आंधी तूफान के साथ मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी। तहसील के ग्वालदम, थराली, डुंग्री, कुलसारी, तलवाड़ी सहित कई गांवों में हुई तेज बारिश से लोग सहम गए।
बारिश से थराली बाजार में बरसाती गदेरे के उफान पर आने से 10 से अधिक वाहन बरसाती मलबे की चपेट में आ गए। जबकि छह से अधिक दुकानों में मलबा और पानी घुस गया। सूचना पर पहुंची तहसील प्रशासन की टीम ने किसी तरह वाहनों को मलबे से निकाला। वहीं देवाल मोटर मार्ग कोठी और ऊणी में मलबा आने से बंद हो गया।
बुधवार दोपहर बाद तेज आंधी चली और मूसलाधार बारिश हुई जिससे दिन में ही अंधेरा छा गया। लगातार 3 घंटे की बारिश से बरसाती गदेरे और नालों में उफान आ गया। थराली देवाल मार्ग कोठी और ऊणी के बीच मलबा आने से बंद हो गया। जबकि मुख्य बाजार थराली में दुकानों के अंदर पानी और मलबा घुसने से छह से अधिक व्यापारियों का सामान बरबाद हो गया।
तहसील मुख्यालय के पास नाले में भारी मात्रा में मलबा आने से 10 से अधिक वाहन इसकी जद में आ गए। वहीं तहसीलदार अक्षय पंकज ने बताया कि फंसी हुई गाड़ियों को निकाला जा रहा है। जबकि फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण किया जाएगा और रिपोर्ट के बाद सहायता की जाएगी।
वहीं, थराली, केदारबगड़, राड़ीबगड़ सहित बाजारों में पानी भर गया। बारिश से कई घरों में भी पानी घुसा। तेज बारिश से त्रिकोट और भेंटा गदेरा उफान पर आ गया। वहीं थराली और गैरसैंण में ओलावृष्टि हुई। गैरसैंण के दिवालीखाल, भराड़ीसैंण, महरगांव, रामड़ा मल्ला, कुंजापानी आदि ऊंचाई वाले इलाकों में तेज बारिश हुई। किसान सुरेंद्र खत्री, सुरेश सिरस्वाल ने कहा कि माल्टा ,आडू, सरसों की फसलों को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है।
वहीं नारायणबगड़ और आदिबदरी में भी बारिश हुई। देवाल के कोठी गांव के कोठी के भुवन चंद्र, पूर्व बीडीसी मेंबर सीमा बिष्ट, पुष्कर बिष्ट ने बताया कि ओलावृष्टि से कोठी, नंदकेशरी, ऊणी व आसपास के गांवों में कद्दू, लौकी, मिर्च आदि सभी सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचा है।
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