27 जून को भारतीय टीम को इस वर्ल्ड कप का अगला मैच कैरेबियाई टीम के खिलाफ खेलना है। सेमीफाइनल के लिहाज से ये मैच टीम इंडिया के लिए काफी अहम है और मैनचेस्टर में खेले जाने वाले इस मुकाबले के लिए अंतिम ग्यारह का चयन काफी अहम होगा। इस मैच में टीम इंडिया के दो बेहतरीन गेंदबाजों के खिलाफ जबरदस्त जंग होने की संभावना है। अब इन दोनों में से किसे अंतिम ग्यारह में जगह मिलेगी ये देखना दिलचस्प होगा।
सचिन ने की भुवी की वकालत- सचिन ने एक चर्चा के दौरान कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया में भुवी को मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि वो क्रिस गेल को परेशान कर सकते हैं। ये भी एक सच है कि गेल टीम इंडिया के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं और उन पर काबू पाना भारतीय टीम के लिए आसान नहीं होने वाला है। वैसे इस बात की भी संभावना है कि भुवी को पूरी तरह से फिट होने के लिए उन्हें शायद आराम दिया जाए और शमी को मौका मिले। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि टीम इंडिया मैनचेस्टर में तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरे। हालांकि इसकी संभावना थोड़ी कम लगती है। बहरहाल ये तो चर्चा का विषय जरूर बन गया है कि भुवी के फिट होने के बाद क्या शमी प्लेइंग इलेवन से बाहर हो जाएंगे।
मो. शमी या भुवनेश्वर कुमार- मो. शमी अब फिट हो गए हैं और अगले मैच में वापसी के लिए तैयार हैं। भुवनेश्वकर कुमार टीम के अहम गेंदबाज हैं और उनके फिट रहते वो लगातार टीम के लिए खेल रहे थे। उनके अनफिट हो जाने के बाद ही शमी को अंतिम ग्यारह में मौका दिया गया है। अब भुवी के फिट होने के बाद ये देखना काफी दिलचस्प होने वाला है कि उन्हें इंडीज के खिलाफ मौका मिलता है या शमी ही अंतिम ग्यारह में बने रहेंगे। अनफिट होने से पहले भुवी टीम के लिए शानदार गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने तीन मैचों में पांच विकेट लिए हैं। मो. शमी को अफगानिस्तान के खिलाफ भुवी की गैरमौजूदगी में टीम में शामिल किया गया था और इस विश्व कप के अपने पहले ही मैच में शमी ने हैट्रिक विकेट लेकर धूम मचा दी थी। अफगानिस्तान के खिलाफ मिली जीम के हीरो शमी ही रहे थे और इस मैच में उन्होंने कुल चार विकेट झटके थे। शमी जिस रिदम में गेंदबाजी कर रहे थे वो टीम इंडिया के लिए अच्छा संकेत है। विश्व कप कप के अब तक खेले आठ मैचों में कुल 21 विकेट झटक चुके हैं।