इस मंदिर में प्रतिवर्ष करीब 400 शादियां होती हैं, यानी शादियों के सीजन में रोजना करीब छह शादियां यहां होती हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने अब यहां होने वाली शादियों से पहले व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आधार कार्ड जरूरी कर दिया है. इसका मकसद भी अच्छा ही है. नाबालिग शादियों को रोकने के मकसद से मंदिर प्रशासन ने यह कदम उठाया है.
आधार कार्ड कई सरकारी योजनाओं के लिए जरूरी हो गया है. ये हर व्यक्ति के लिए जरुरी हैऔर इसकी आवश्यकता भी हर जगह होती है. लेकिन कभी आपने सुना है कि शादी करने के लिए भी आधार कार्ड चाहिए. जी हाँ, ऐसा भी एक मामला सामने आया है जहां पर शादी करने के लिए आपको आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है. दरअसल, उत्तराखंड में एक ऐसा ही मंदिर है जिसमें शादी करने के लिए आधार कार्ड जरूरी है. यह मंदिर उत्तराखंड के अल्मोडा में स्थित है. अल्मोडा में स्थित गोलू देवता के प्रसिद्ध मंदिर में शादी करने के लिए अब आधार कार्ड जरूरी है. यह कदम मंदिर के पुजारियों ने उठाया है. अब ऐसा क्यों किया है आइये जानते हैं उसके बारे में.
इसके अलावा स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में शादी करने से विवाहित जोड़े पर गोलू देवता का आशीर्वाद रहता है. गोलू देवता को कुमाऊं क्षेत्र में न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. मंदिर के पुजारी और कोषाध्यक्ष हरी विनोद पंत ने बताया कि हर साल यहां बड़ी संख्या में शादियां संपन्न कराते हैं, तो ऐसे में विवाहित जोड़े का नाम और अड्रेस को जांचना मुश्किल हो जाता है. इसलिए आधार कार्ड जरूरी किया गया.