यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम या द्वादश भाव में मंगल स्थित है तो ऐसे लोग मंगली माने जाते हैं। इन लोगों पर मंगल ग्रह अत्यधिक प्रभाव होता है। चूंकि मंगल को सौर मंडल का सेनापति कहा जाता है अत: इनके क्रोध अर्थात अशुभ होने पर व्यक्ति को दरिद्रता भोगनी पड़ सकती है। कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति कर्ज में डूब सकता है। भूमि संबंधी कार्यों में नुकसान हो सकता है। मकान बनाने में परेशानियां आती हैं। व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है। विवाह में देरी का कारण भी कई बार मांगलिक दोष होता है। वर, कन्या दोनों की कुंडली ही मांगलिक हों तो विवाह शुभ और दाम्पत्य जीवन आनंदमय रहता है। एक सादी एवं एक कुंडली मांगलिक नहीं होनी चाहिए।
तो इन कारणों से जीवन में होने लगते हैं ये अमंगल चीज़े
मंगल दोष को दूर करने के लिए मंगलवार को मंगल देव की विशेष पूजा-अर्चना करवाएं। गरीबों की मदद करें और उन्हें खाना खिलाएं। मंगलवार को हनुमान जी को लड्डू या बूंदी का प्रसाद वितरण करें। हनुमान चालीसा, हनुमत-स्तवन, हनुमत स्त्रोत का पाठ करें। विधि-विधानपूर्वक हनुमान जी की आरती एवं शृंगार करें। हनुमान मंदिर में गुड़-चने का भोग लगाएं।