लोकसभा चुनाव के बाद से दिल्ली में डेरा जमाए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मिलकर शुक्रवार को देर शाम लौटे राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने पार्टी में अध्यक्ष पद के बारे में लगाए जा रहे कयासों को खारिज किया है।पटना हवाई अड्डे पर तेजप्रताप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजद में शीर्ष पद पर कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। उनके पिता लालू प्रसाद राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और आगे भी वही रहेंगे। दरअसल बिहार की सियासत में चर्चा है कि तेजस्वी यादव खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने पटना, परिवार और पार्टी से दूरी बना रखी है।

राजद के सदस्यता अभियान को लेकर राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर शुक्रवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक से दूर रहने के कारणों को स्पष्ट करते हुए तेजप्रताप ने कहा कि वह दिल्ली गए हुए थे। इसलिए बैठक में शिरकत नहीं कर पाए। तेजप्रताप ने दिल्ली में तेजस्वी से मुलाकात का भी दावा किया और कहा कि वह शनिवार को बैठक में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि बैठक में राजद नेताओं की नजर तेजस्वी एवं तेजप्रताप की तलाश कर रही थी, किंतु दोनों भाई नहीं आए थे। इसे लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो रही है। सभी नेता अपने-अपने मोर्चे पर काम कर रहे हैं। हमारा मकसद विधानसभा चुनाव में राज्य सरकार को पछाडऩा है। तेजस्वी की अभी जरूरत नहीं है। राजद अभी संघर्ष की तैयारी कर रहा है। इसके बाद उनकी जरूरत पड़ेगी।
राजद में टूट का इतिहास नहीं : सिद्दीकी
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने जदयू के आमंत्रण को ठुकराते हुए कहा कि राजद में टूट का इतिहास नहीं रहा है। जो लोग इस मुगालते में हैं कि राजद टूट जाएगा वे सपना देख रहे हैं। हमारे सारे विधायक एकजुट हैं।
दरअसल, जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा था कि समान विचारधारा और समान सोच वाले लोगों का जदयू में स्वागत है। वे चाहें तो जदयू में शामिल हो सकते हैं। त्यागी ने अली अशरफ फातमी का उदाहरण दिया था, जिन्होंने पिछले महीने ही राजद छोड़कर जदयू की सदस्यता लिया है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal