पाकिस्तान दौरे पर पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्डोगन ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने कश्मीर मामले में टांग अड़ाते हुए कहा कि यह तुर्की के लिए भी उतनी ही अहमियत रखता है जितनी पाकिस्तान के लिए। उन्होंने पाकिस्तान प्रेम में बहते हुए कश्मीर मुद्दे पर बिना शर्त समर्थन देने का वादा भी किया।

पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र को चौथी बार संबोधित करते हुए रिसेप तैयप एर्डोगन ने भारत की अखंडता को लेकर कई ऐसी टिप्पणियां कीं जिसका भविष्य में भारत और तुर्की के संबंधों पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कश्मीर और एफएटीएफ के मुद्दे पर पाकिस्तान को समर्थन का वादा किया।
पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन के अनुसार, एर्डोगन ने कश्मीर की तुलना तुर्की के कन्नाकले से करते हुए भारत पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि तुर्की और पाकिस्तान की दोस्ती निहित स्वार्थ पर नहीं बल्कि प्यार पर आधारित है।
उन्होंने आगे कहा कि आज कश्मीर का मुद्दा हमारे लिए उतना ही करीब है जितना कि पाकिस्तान के करीब है। अतीत की तरह हम भविष्य में भी पाकिस्तान का समर्थन करते रहेंगे। बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान फिर एक बार तुर्की के राष्ट्रपति के लिए ड्राइवर बने और उन्हें कार में बैठाकर पाक संसद तक लेकर गए।
भारत जैसे विशालतम लोकतंत्र को मानवाधिकारों का पाठ पढ़ाने की कोशिश कर रहे एर्डोगन तुर्की में एक कट्टर इस्लामिक तानाशाह के रूप में जाने जाते हैं।
नरमपंथी इस्लामी दल एकेपी से ताल्लुक रखने वाले मौजूदा तुर्की राष्ट्रपति एर्डोगन कमाल अता तुर्क की कमालवाद विचारधारा को खत्म कर देश की धर्मनिरेपक्षता समाप्त करने में जुटे हुए हैं।
तुर्की में एर्डोगन की तुलना सद्दाम हुसैन, बशर अल असद और मुअम्मर गद्दाफी जैसे तानाशाहों से की जाती है। एक तरफ तो एर्डोगन यूरोपीय यूनियन में शामिल होना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ तुर्की में ओटोमन साम्राज्य को स्थापित कर खुद को बड़े इस्लामिक लीडर के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं।
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