माकपा ने कहा है कि तीन तलाक पर अध्यादेश लाने के पीछे केन्द्र सरकार का मकसद मुस्लिम महिलाओं का कल्याण करना नहीं है, बल्कि सत्तारूढ़ दल के कुछ निहित उद्देश्यों की पूर्ति के लिये यह अध्यादेश लागू किया है. माकपा पोलित ब्यूरो द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान में पार्टी ने कहा कि तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में लंबित है और अभी इस पर न सिर्फ चर्चा होना बाकी है बल्कि इस पर प्रवर समिति का प्रतिवेदन भी आना शेष है. 
पोलित ब्यूरो ने अध्यादेश लाए जाने को अलोकतांत्रिक फैसला बताते हुये कहा कि सरकार ने संसद को दरकिनार कर यह पहल की है. पार्टी ने इसे व्यर्थ की पहल बताते हुये कहा कि सरकार द्वारा अध्यादेश लाने से,
प्रभावित मुस्लिम महिलाओं का हित संरक्षण करने में कोई मदद नहीं मिलेगी. पार्टी ने कहा कि तीन तलाक विधेयक में कई अन्य खामियां हैं जिन पर संसद की मंजूरी मिलना अभी शेष है. अध्यादेश सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये पेश किया गया है इसलिये यह स्वीकार्य नहीं है.
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