जैसा कि पता ही है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ताज़ महल पर मालिकाना हक जताने वाले उत्तर प्रदेश के सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को सबूतों का दस्तावेज पेश करने को कहा था, लेकिन बोर्ड आज अदालत के समक्ष मालिकाना हक का दस्तावेज़ नहीं पेश कर पाया. इन हालातों में भी वक़्फ़ बोर्ड ने हक वक़्फ़ बोर्ड का रहे और नमाज़ का अधिकार भी बना रहे यह मांग की.
उल्लेखनीय है कि ताज़ महल पर अपना मालिकाना हक़ जताने वाला यूपी का सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड कोर्ट के सामने अपने मालिकाना हक़ का कोई सबूत पेश नहीं कर पाया, फिर भी वक़्फ़ बोर्ड ने ताजमहल की देखरेख एएसआई द्वारा करने पर कोई आपत्ति नहीं लेते हुए कहा, कि ताज़ पर हक वक़्फ़ बोर्ड का रहे और नमाज़ का हक बना रहे. इस बारे में कोर्ट ने एएसआई से बात करने को कहा.बोर्ड की गुजारिश पर एएसआई ने इस बारे मे वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश लेने की बात कही.
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई की याचिका की सुनवाई के समय इस मामले में स्पष्ट कहा था कि देश में ये कौन विश्वास करेगा कि ताज़महल वक़्फ बोर्ड की संपत्ति है. वक़्फ़ बोर्ड ट्रिब्युनल का ताजमहल को वक़्फ़ संपत्ति घोषित करने के आदेश से परेशानी पैदा हो रही है. इस मामले में एएसआई ने वक़्फ़ बोर्ड ट्रिब्युनल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी है. कोर्ट में यह मामला 2010 से विचाराधीन है.
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