तालिबान के नए सख्त मीडिया दिशानिर्देश लागू पर ह्यूमन राइट्स चिंतित, महिलाओं के लिए बढ़ी परेशानी

न्यूयार्क, ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने सोमवार (स्थानीय समय) को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सख्त नए मीडिया दिशानिर्देश लागू करने के बारे में चिंता जताई जो विशेष रूप से महिलाओं को नुकसान पहुंचाती हैं। एचआरडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि तालिबान के खुफिया अधिकारियों ने उन पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी है, जिन्होंने तालिबान अधिकारियों की आलोचना की है और पत्रकारों को प्रकाशन से पहले अनुमोदन के लिए सभी रिपोर्ट जमा करने की आवश्यकता है।

राइट्स ग्रुप ने कहा कि वाइस एंड वर्ट्यू मिनिस्ट्री के नए दिशा-निर्देश के तहत, अफगानिस्तान में महिलाओं को टेलीविजन नाटकों में प्रदर्शित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। महिला पत्रकारों और प्रस्तुतकर्ताओं को भी स्क्रीन पर हेडस्कार्फ पहनने का आदेश दिया गया है, हालांकि दिशानिर्देश यह नहीं कहते हैं कि किस प्रकार के कवर का उपयोग करना है। रिपोर्टर्स का कहना है कि कुछ नियम अस्पष्ट हैं और व्याख्या के अधीन हैं।

अफगान टेलीविजन चैनलों को जारी किए गए तालिबान दिशानिर्देशों के नवीनतम सेट में आठ नए नियम शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें शरिया के सिद्धांतों या इस्लामी कानून और अफगान मूल्यों के खिलाफ मानी जाने वाली फिल्मों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है, जबकि पुरुषों के शरीर के अंतरंग हिस्सों को उजागर करना प्रतिबंधित है।

एचआरडब्ल्यू के एसोसिएट एशिया निदेशक, पेट्रीसिया गासमैन ने कहा, ‘तालिबान के नए मीडिया नियम और पत्रकारों के खिलाफ धमकियां तालिबान शासन की सभी आलोचनाओं को शांत करने के व्यापक प्रयासों को दर्शाती हैं।’ उन्होंने कहा िक मीडिया और कला में महिलाओं के स्थान का गायब होना विनाशकारी है।

कई पत्रकारों ने कहा कि तालिबान पर रिपोर्ट प्रकाशित करने के तुरंत बाद स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें तलब किया है। एक पत्रकार जिसने तालिबान के घरों में तलाशी लेने और लोगों को पीटने की शिकायत की थी, ने कहा कि डिप्टी गवर्नर ने उसे अपने कार्यालय में बुलाया और उससे कहा कि अगर वह फिर से ऐसा कुछ प्रसारित करता है, तो ‘वह मुझे टाउन स्क्वायर में लटका देंगे।’

अन्य मीडिया कर्मचारियों ने रिपोर्ट किया है कि भारी हथियारों से लैस तालिबान खुफिया अधिकारियों ने उनके कार्यालयों का दौरा किया और पत्रकारों को चेतावनी दी कि वे अपनी रिपोर्टिंग में ‘तालिबान’ शब्द का इस्तेमाल न करें बल्कि सभी प्रकाशनों में ‘इस्लामिक अमीरात’ का उल्लेख करें।

कई मीडिया आउटलेट्स ने डर के मारे अपने कार्यालय बंद कर दिए हैं और केवल आनलाइन प्रकाशन कर रहे हैं। गासमैन ने कहा, ‘अफगानिस्तान के लिए वास्तविकता यह है कि पत्रकार अधिकारियों के डर से जीते हैं।’

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com