कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के कारण गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कई मजदूर दूसरे राज्यों से अपने घर जाने के लिए पैदल ही निकल चुके हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश में मजदूरों के लिए बसें चलाए जाने के मामले पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अभी भी जारी है.
लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए 1000 बसें चलाने की पेशकश के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच सियासी संग्राम जारी है.
इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ता तकरीबन 100 बस लेकर नोएडा पहुंचे. साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बसों को आगे न ले जाने देने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जगह-जगह बसों को रोका गया. कुछ बसों को आरटीओ के जरिए सीज भी किया गया. वहीं अब करीब 100 बसें महामाया फ्लाईओवर के नीचे खड़ी हैं. साथ ही कार्यकर्ता मजदूरों तक बसों को पहुंचाने की अपील कर रहे हैं.
इसके साथ ही प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को फिर से पत्र लिखा है. इस बार पत्र से अवगत कराया गया है कि वो बसों के साथ बुधवार की शाम तक उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर ही मौजूद रहेंगे.
19 मई को लिखे पत्र के जरिए कहा गया है, ‘हम सुबह से बसों के साथ उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर खड़े हैं. हमने नोएडा-गाजियाबाद की तरफ चलने की कोशिश की तो आगरा बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने हमें रोक लिया. पुलिस ने यूपीसीसी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साख दुर्व्यवहार कर गिरफ्तार किया है.’
पत्र में कहा गया, ‘श्रमिकों की मदद करना हमारा पहला ध्येय है. हम अपनी बसों के साथ यहीं मौजूद हैं और बुधवार शाम चार बजे तक रहेंगे. प्रवासी श्रमिकों के कष्ट को कम करने के लिए हम कटिबद्ध हैं.’