हमारे देश में न्याय दिलाने के मामले में जज को सर्वोपरि स्थान प्राप्त होता है। अगर आपके अंदर भी कानून और न्याय के लिए काम करने का जज्बा है तो आप इस क्षेत्र में करियर को दिशा दे सकते हैं। लेकिन जज बनने के लिए सबसे जरूरी है कि इसके लिए आप निर्धारित की गयी योग्यता रखते हों। हम यहां उत्तर प्रदेश राज्य के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज बनने से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। आप इसे फॉलो करके इस क्षेत्र में करियर का निर्माण कर सकते हैं।
सबसे पहले लॉ की डिग्री करना होगा प्राप्त
जिला जज बनने के लिए आपको सबसे पहले लॉ में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करनी होगी। इसके लिए आप 12वीं के बाद पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बैचलर डिग्री या तीन वर्षीय एलएलबी डिग्री प्राप्त की हो।
लॉ में ग्रेजुएशन के साथ ही उम्मीदवार ने एक एडवोकेट के रूप में 7 वर्ष तक किसी कोर्ट में प्रैक्टिस भी की हो। तभी आप उत्तर प्रदेश में जिला जज बनने के लिए अप्लाई कर सकेंगे।
आयु सीमा
उत्तर प्रदेश में जिला जज बनने के लिए आवेदन करते समय अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। अभ्यर्थी की अधिकतम आयु 45 वर्ष निर्धारित की गयी है। आरक्षित वर्ग के से आने वाले उम्मीदवारों को नियमानुसार ऊपरी आयु में छूट प्रदान की जाती है।
कैसे होगा चयन
जिला जज के पदों पर चयन के लिए उम्मीदवारों को तीन चरणों से होकर गुजरना होता है। पहले चरण में प्रीलिम एग्जाम का आयोजन किया जाता है। इस एग्जाम में निर्धारित कटऑफ अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार ही भर्ती के अगले चरण मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र होंगे। मेंस एग्जाम में सफल उम्मीदवारों को अंतिम चरण इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता है। अंत में उम्मीदवारों द्वारा किये गए प्रदर्शन के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी और जिन उम्मीदवारों का नाम इसमें दर्ज होगा उनको जिला जज के पदों पर तैनात किया जाएगा।