डाकघर के एजेंट और बाबू 27 लाख रुपये डकार गए

यदि आपका किसी भी तरह का खाता डाकघरों में है तो उसकी जाच अवश्य करवा लें। लखनऊ में बड़े पैमाने पर बचत धारकों के खातों से जालसाजी करने के मामले सामने आ रहे हैं। इसे लेकर अब डाक विभाग ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है। डालीगंज डाकघर में फर्जी खातों के सामने आने का सिलसिला लगातार जारी है। एक बचत धारक के खाते से 27 लाख रुपये के लेनदेन का खेल हो गया है।

केस-1

बचत धारक कपिल राज ने सितंबर 2016 में एक साल के लिए टीडी खाता एजेंट से खुलवाया था। वह 27 लाख रुपये का भुगतान लेने के लिए डालीगंज डाकघर पहुंचे तो पता चला कि एजेंट ने उनका फर्जी खाता खोल दिया है। जबकि रूपा अग्रवाल ने भी एजेंट से एक साल के लिए टीडी अकाउंट नंबर 3198284445 में 1.30 लाख रुपये जमा कराए थे। उनका अकाउंट भी फर्जी पाया गया।

केस-2

इसी तरह निरालानगर निवासी घनश्याम भवानी ने अपनी पत्‍‌नी के साथ संयुक्त खाता खुलवाया था। एक साल के लिए उन्होंने तीन खाते में 4.21 लाख, 4.34 लाख और 45 हजार रुपये जमा किए। बताया गया कि पोस्ट मास्टर ने उनकी पासबुक रख ली है। मामला फर्जी होने के कारण उनको डाककर्मी टरका रहे हैं। इसी तरह डाक विभाग को एजेंटों के फर्जीवाड़े की कई शिकायतें मिल रही हैं। जिसमें फर्जी खाता खोलने, खाते को बंद करवाने, आशिक राशि निकाल लेने, परिपक्वता राशि को जमाकर्ता की जानकारी के बिना उनके नाम पर अकाउंट खोलकर उसको निकालने के मामले सामने आ रहे हैं।

क्या कहना है अफसर का ?

प्रवर डाक अधीक्षक शशि कुमार उत्तम का कहना है कि डाकघरों की जगह एजेंटों से ही लेनदेन होने पर उसमें फर्जीवाड़ा होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। इसे देखते हुए डाक विभाग जल्द ही बड़ी कार्रवाई करेगा। हालाकि इस बीच बचतधारकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है। ताकि वह अपने साथ होने वाले फर्जीवाड़ा को रोक सकें। यहा करें शिकायत

लेनदेन से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत के लिए प्रवर डाक अधीक्षक कार्यालय के टेलीफोन नंबर 0522-2780006 पर संपर्क किया जा सकता है। इसका रखें ध्यान

डाक महानिदेशालय ने अपने बचतधारकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें निवेश की जानकारी सीधे स्टेशन मास्टर से लेने, लेनदेन के बाद पासबुक प्रिंट करवाने, किसी को भी निकासी के लिए चेक न देने और संदेशवाहक न बनाने, खाते से अपना मोबाइल और आधार नंबर लिंक कराकर एसएमएस की निश्शुल्क सुविधा का लाभ उठाने की बात कही गई है। इसके अलावा नमूना हस्ताक्षर पासबुक में न रखने, आरडी, एमआइएस और सीनियर सिटीजन खातों को बचत खातों से लिंक कराने और सीबीएस डाकघरों से एटीएम लेकर उसी से लेनदेन करने के सुझाव दिए गए हैं। तीन दिन में बंटी 30 डाक

निलमथा उप डाकघर में पिछले डेढ़ साल से जिन पत्रों का वितरण नहीं किया जा सका था, उनकी डिलीवरी पिछले तीन दिन से की जा रही है। हालाकि डाककर्मी अधूरा पता होने और निलमथा में मकान नंबर न मिलने पर तीन दिन में केवल 30 पत्रों का ही वितरण कर सके हैं। इसमें भी बड़ी संख्या में नोटबंदी के बाद खुलवाए गए बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज हैं।

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