ट्रेन में गंजे आदमी की गोद में जा बैठा संता,जानकर फूट पड़ेगी हंसी !

हम में से कई लोग अक्सर अपना मन बहलाने या मनोरंजन के लिए जोक्स पढ़ना पसंद करते हैं। यह हंसने का एक शानदार तरीका है। हंसना हमारी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इससे हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत दुरुस्त होती है। अगर आप भी जोक्स पढ़ने के शौकीन हैं,

हंसना हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। हेल्दी रहने के लिए अच्छी डाइट के साथ ही हमारा खुश रहना भी बेहद जरूरी होता है। लोग अक्सर खुश रहने के लिए ऐसी चीजें देखते-सुनते या पढ़ते हैं, जो उन्हें जमकर हंसाए, क्योंकि इससे न सिर्फ तनाव दूर होता है, बल्कि हमारे फेफड़े भी मजबूत होते हैं। अगर आप भी जोक्स पढ़ने के शौकीन हैं, तो आज हम आपके लिए कुछ मजेदार जोक्स लेकर आए हैं।

मम्मी- पेपर कैसा था?

बेटा- पतला सा था, सफेद रंग का।

मम्मी- मेरा मतलब है कि पेपर कैसा हुआ?

बेटा- फिफ्टी- फिफ्टी।

मम्मी- मैं समझी नहीं?

बेटा- जो पेपर में लिखा था वह मेरी समझ में नहीं आया।

लेकिन मैंने जो कॉपी में लिखा है, वह जांचने वाले की समझ में नहीं आएगा।

एक बार संता ट्रेन में सफर कर रहा था।

ट्रेन में बहुत भीड़ होने की वजह से वो एक गंजे आदमी की गोद में बैठ गया।

आदमी (गुस्से में) – हां, हां! मेरे सिर पर आकर बैठा जा।

संता- नहीं, अंकल मैं यहीं ठीक हूं, वहां से फिसल कर गिरने का डर है।

मेंढक और बंता की बहस छिड़ी।

मेंढक- तुम में दिमाग नहीं है।

बंता- है

मेंढक- नही है

बंता- है

इतने में मेंढक पानी में कूद गया।

बंता- ले अब इसमें सुसाइड करने वाली क्या बात थी भला

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