अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माना है कि उनके बेटे ने जून, 2016 में अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में जरूरी जानकारी हासिल करने के लिए रूसी वकील नतालिया वेसेलनितस्काया से मुलाकात की थी। हालांकि इसके साथ उन्होंने इस मुलाकात को कानूनी भी करार दिया है। बता दें कि विशेष अभियोजक रॉबर्ट मुलर इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं, वे पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं आखिर किस तरह से रूस ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित किया था।
रूस ने रची थी साजिश
बता दें कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का कहना है कि रूस ने ट्रंप को जिताने के लिए एक साजिश रची थी। हालांकि, ट्रंप ने इस बात को खारिज कर दिया है। इसके अलावा रूस ने भी इस आरोप से साफ इनकार कर दिया है। अमेरिकी मीडिया में ऐसी खबरें आने लगी हैं कि ट्रंप को इस बात का डर है कि कहीं रूसी वकील से मुलाकात के चलते उनका बेटा कानूनी कार्रवाई में फंस न जाए। हालांकि, इसके साथ ट्रंप का यह भी कहना है कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि वो अपने बेटे को लेकर चिंतित हैं। यह फेक खबर है।
नहीं थी मुलाकात के बारे में जानकारी
ट्रंप ने अपने प्रत्यक्ष बयान में कहा है कि वह बैठक एक विरोधी के बारे में सूचना हासिल करने के लिए थी। उसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं था। राजनीति में ऐसा पहले भी होता रहा है और मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बता दें कि पिछले भी बयान में ट्रंप ने कहा था कि उन्हें 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने बेटे और रूसी वकील के साथ हुई बैठक के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी। ट्रंप का यह बयान उनके निजी वकील रहे माइकल कोहेन के दावे के बाद आया था। उन्होंने दावा किया था कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप ने खुद अपने बेटे और रूसी अटर्नि की मुलाकात पर मंजूरी दी थी। दरअसल, अटर्नि के पास डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने वाली राष्ट्रपति उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के बारे कई हानिकारक जानकारियां थीं।
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