इसके अतिरिक्त ट्रंप प्रशासन की ओर से अमेरिका में रह रहे मुसलमानों की जानकारी जुटाए जाने की चर्चा पर न्यूयॉर्क में लोग सड़कों पर उतर आए थे। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री मेडीलेन अलब्राइट ने कहा कि अगर अमेरिका में रह रहे मुस्लिमों की जानकारी जुटाई गई, तो मुसलमानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए वह सबसे पहले खुद की जानकारी पंजीकृत कराएंगी।
वहीं, ट्रंप ने मुसलमानों पर प्रतिबंध को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, बल्कि आतंकवाद का गढ़ बने देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के लोगों की सुरक्षा उनकी शीर्ष प्राथमिकता है।
ट्रंप के भारत प्रेम से पाकिस्तान की टेंशन बढ़ी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत प्रेम ने पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा दी है। ट्रंप के भारत के करीब आने को लेकर पड़ोसी देश पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। पाकिस्तानी विशेषज्ञ और राजनेता इस बात को लेकर बेहद चिंतित हैं कि ट्रंप शासन में अमेरिका और भारत के करीब आने से पाक पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का खासा दबाव बढ़ेगा।
पेशावर विश्वविद्यालय के एरिया स्टडी सेंटर के निदेशक सर्फराज खान का कहना है कि ट्रंप प्रशासन पाक पर तालिबान को बातचीत के लिए राजी करने या फिर उसके खिलाफ कार्रवाई करने का भी दबाव बनाएगा। ट्रंप आतंकवाद को लेकर अपना रुख पहले ही साफ कर चुके हैं और भारत भी आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता है। ऐसे में पाक की टेंशन बढ़ना लाजमी है।