टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के विकास- विस्तार के लिए USOF का 5% पैसा होगा इस्तेमाल

सोमवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में सरकार ने टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के विकास- विस्तार के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) का 5 प्रतिशत आवंटित करने का फैसला किया है। वर्तमान में, सरकार के पास यूएसओएफ के तहत लगभग 80,000 करोड़ रुपये का कोष है, जिसे अब डिजिटल भारत निधि का नाम दिया गया है।

सर्वेक्षण में कहा गया है, “टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के लिए रिसर्च और व्यावसायीकरण के लिए काफी ज्यादा पूंजी की आवश्यकता होती है। सरकार ने फैसला लिया है कि टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष से साल भर की कलेक्शन का 5 प्रतिशत हिस्सा उपलब्ध कराया जाएगा।”

दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष में किन क्षेत्रों की भागीदारी अहम
सर्वेक्षण के अनुसार, 2022 में तैयार किए गए दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष में स्टार्टअप, एमएसएमई, शिक्षा जगत और उद्योग की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई है।

5G टेक्नोलॉजी के साथ शिक्षा-उद्योग में रिसर्च को मिलेगी नई राह
सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार ने 2022 में देश को ‘5G टेस्ट बेड’ समर्पित किया है, जो कि एक एंड-टू-एंड टेस्टिंग फैसिलिटी देने का काम करता है। इससे भारतीय शिक्षा जगत और उद्योग में रिसर्च और डेवलपमेंट टीमों को अपने उत्पादों, प्रोटोटाइप और एल्गोरिदम को मान्य करने और सेवाओं का प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।

टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट की दिशा में सरकार के प्रयास
सर्वेक्षण में 6G सर्विस के लिए टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट की दिशा में सरकार के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी गई। 6G टेक्नोलॉजी को देश में डेवलप करने की कड़ी में मार्च 2023 में भारत में 6G विजन डॉक्युमेंट लॉन्च हुआ।

6G विजन डॉक्युमेंट के निर्माण से भारत 6G मिशन और 6G मिशन के फेज वाइज उद्देश्यों को निर्धारित करने के लिए एक शीर्ष परिषद का गठन भी हुआ। इसमें कहा गया है कि मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड में भारत की अंतराष्ट्रीय रैंकिंग मार्च 2024 तक 118 से सुधरकर 15 हो गई है।

भारत में टेलीडेन्सिटी (प्रति 100 जनसंख्या पर टेलीफोनों की संख्या) मार्च 2014 में 75.2 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2024 में 85.7 प्रतिशत हो गई, जबकि मार्च 2024 के अंत में वायरलेस टेलीफोन कनेक्शनों की संख्या 116.5 करोड़ रही।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतनेट चरण I और II में कुल 2,06,709 ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए 6,83,175 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल (Fiber-optic cable) बिछाई गई हैं।

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