अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के जजों की फेहरिस्त में एक और भारतीय जज का नाम शामिल हो गया है. राष्ट्रपति ने शालिना डी कुमार को मिशिगन का फेडरल जज नामित किया है. शालिना मिशिगन का फेडरल जज बनने वाली न सिर्फ पहली भारतीय हैं बल्कि वह पहली एशियाई हैं जो इस पद तक पहुंची हैं.
व्हाइट हाउस (White House) ने जानकारी दी कि शालिना को सिविल और क्रिमिनल दोनों तरह के मामलों की अच्छी जानकारी है. शालिना डी कुमार 2007 से ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ मिशिगन में ऑकलैंड काउंटी सिक्स्थ सर्किट कोर्ट में सेवा दे रही है. उन्हें 2018 में मिशिगन सुप्रीम कोर्ट ने इसी कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया था.
2007 से जज का अनुभव
व्हाइट हाउस ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहते हुए शालिना को दीवानी और फौजदारी दोनों ही तरह के मामलों का अनुभव रहा है. इसके अलावा शालिना कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं. शालिना मिशिगन में पहली दक्षिण एशियाई मूल की न्यायाधीश होंगी. शालिना ने 1993 में मिशिगन विश्वविद्यालय से स्नातक की और 1996 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ डेट्रॉयट-मर्सी स्कूल ऑफ लॉ से पढ़ाई की.
मिशिगन के पूर्व गवर्नर जेनिफर ग्रानहोम ने न्यायाधीश जीन श्नेल्ज के सेवानिवृत्त होने से रिक्त पद को भरने के लिए 20 अगस्त 2007 को शालिना को ओकलैंड काउंटी में सिक्स्थ सर्किट कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया. इसके बाद शालिना 2008 में अदालत के लिए चुनी गईं और फिर 2014 में वह दोबारा न्यायाधीश पद के लिए चुनी गईं.
निजी प्रैक्टिस भी की
जज बनने से पहले शालिना सिविल वकील थी. 1997 से 2007 तक वह निजी प्रैक्टिस करती रहीं. 2004-2007 के बीचवह Weiner & Cox PLC में एसोसिएट रही. इससे पहले 2000-2004 के बीच शालिना ने Sommers, Schwartz, Silver & Schwartz PC के लिए भी अपनी सेवा दी थी. शालिना को अब तक कई अवार्ड भी मिल चुका है. वह ऑकलैंड कंट्री बार एसोसिएशन की सदस्य भी हैं. इसके अलावा मिशिगन एसोशिएशन ऑफ जस्टिस की भी शालिना सदस्य हैं.