नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। जो बाइडेन कहा है कि चीन को तालिबान से वास्तविक समस्या है और चीन तालिबान से समझौता करने की कोशिश कर रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि जो पाकिस्तान करता है वही रुस और ईरान करते हैं। इस समय तीनों देश सोच रहे हैं अब वे क्या करें। जो बाइडेन ने कहा कि मुझे यकीन है कि पाकिस्तान, रूस, ईरान सभी उसकी तरफ जा रहे हैं. वे सभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि तालिबान अब क्या करता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को कहा कि चीन की तालिबान के साथ दोस्ती एक वास्तविक समस्या है। यही कारण ही कि चीन अफगानिस्तान के नए शासकों के साथ कुछ व्यवस्था करेगा। तालिबान को चीन से धन मिलने के बारे में पूछे जाने पर, बाइडेन ने यह कहते हुए जवाब दिया कि चीन, पाकिस्तान, रूस और ईरान के विपरीत नहीं है। चीन बस यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आतंकवादियों द्वारा घोषित नई सरकार पर सबसे अच्छी प्रतिक्रिया कैसे दी जाए।
दरअसल अफगानिस्तान पर हुए कब्जे के कुछ हफ्ते पहले, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दोनों देशों के बीच ‘मैत्रीपूर्ण संबंध’ विकसित करने के लिए अफगान तालिबान राजनीतिक आयोग मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की थी। वहीं यूएस न्यूज के मुताबिक काबुल के पतन से पहले ही चीन ने तालिबान को अफगानिस्तान के वैध शासक के रूप में मान्यता देने की तैयारी कर ली थी।
वहीं दूसरी तरफ तालिबान जो इस्लाम के ध्वजवाहक होने का दावा करता है ने चीन में उइगर दमन पर अपना मुंह बंद कर लिया जब संगठन के शीर्ष नेता ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की क्योंकि उसके बीजिंग के साथ वित्तीय हित हैं।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाने के बाद अमेरिका तालिबान को आर्थिक रूप से चोट पहुंचाने की हर मुमकिन कोशिश में जुटा है। अमेरिका ने न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व में अफगानिस्तान की आरक्षित निधि को तालिबान को देने से इनकार कर दिया है।
अमेरिका ने तालिबान को साफ कह दिया है कि महिलाओं के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने की दिशा में तालिबान को कदम उठाने होंगे, ऐसा करने पर ही अमेरिका आर्थिक अफगानिस्तान के रिजर्व की चाफी तालिबान को सौंपेगा। वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि अगर चीन और रूस तालिबान को आर्थिक मदद देते हैं तो अमेरिका का दबाव तालिबान पर काम नहीं करेगा।