जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने गुरुवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के मुखिया और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के दावों को खारिज कर दिया है। कुशवाहा ने कहा था कि नीतीश कुमार की इच्छा सत्ता से पूरी हो चुकी है और वह 2020 के चुनाव के बाद अपना पद छोड़ना चाहते हैं। इसपर पार्टी ने कहा कि वह अपने पद पर बने रहेंगे क्योंकि राज्य को अभी भी उनकी जरूरत है।
जेडीयू के वरिष्ठ नेता महेश्वर हजारी ने कहा, ‘नीतीश 2020 के बाद भी बिहार के मुख्यमंत्री रहेंगे। बिहार को उनकी जरूरत है।’ वहीं पूर्व मंत्री और पार्टी के महासचिव श्याम रजक ने कहा, ‘नीतीश और कुशवाहा दोनों भाई हो सकते हैं लेकिन नीतीश कुमार की लोकप्रियता कम नहीं हुई है।’ बुधवार को सरदार पटेल की जयंती पर कुशवाहा ने कहा था कि नीतीश 2020 के बाद मुख्यमंत्री बने रहना नहीं चाहते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी एनडीए का हिस्सा है। उसके बिहार में दो सांसद और दो विधायक हैं। उनके राज्य सरकार के साथ रिश्ते मधुर नहीं रहे हैं। वह कानून व्यवस्था और शिक्षा के विषय पर लगातार सरकार पर हमला करते रहते हैं। उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक विरोध प्रदर्शन भी किया था। एनडीए सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से जेडीयू भाजपा के करीब आई है और आरएलएसपी को दरकिनार किया गया है उससे भी कुशवाहा नाराज हैं।