नकदी संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी बुधवार को दोहरे संकट में घिर गई। इंडियन ऑयल की ओर से जेट को ईंधन की आपूर्ति रोके जाने के बाद एक कार्गो एजेंट ने एम्स्टर्डम में एक बोइंग विमान को जब्त कर लिया और इसके ऋणदाताओं ने हिस्सेदारी बिक्री की बोलियों की समय सीमा को और दो दिन के लिए बढ़ा दिया है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को जेट एयरवेज के सात बोइंग 737-800 विमानों का पंजीकरण रद्द करने की घोषणा की है। इससे इन विमानों को पट्टे यानी लीज पर देने वाली कंपनियां इन्हें देश से बाहर ले जा सकेंगी और किसी अन्य एयरलाइन को पट्टे पर दे सकेंगी। नकदी संकट के कारण कंपनी भुगतान संबंधी तमाम डिफाल्ट करने पर मजबूर हुई है जैसे कि बैंक बकाया, पट्टे का बकाया, वेंडर्स का भुगतान और कर्मचारियों की मार्च महीने की सैलरी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों को भुगतान नहीं करने की वजह से जेट एयरवेज को अपने कई विमान खड़े करने पड़े हैं। एयरलाइन के बेड़े में 119 विमान हैं। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खारोला ने चार अप्रैल को जानकारी दी थी कि फिलहाल जेट एयरवेज के सिर्फ 26 विमान की उड़ान भर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जेट एयरवेज के ऋणदाताओं ने विमानन कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने के लिए आरंभिक बोली जमा कराने की तारीख बढ़ाकर 12 अप्रैल कर दी है।
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गौरतलब है कि कंपनी के पायलट समेत इंजीनियर और सीनियर मैनेजमेंट को भी जनवरी महीने से सैलरी का भुगतान नहीं किया गया है।