शनि जयंती का पर्व शनि देव को समर्पित है. इस दिन शनि देव की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा और व्रत करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. शनि जयंती का दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम माना गया है. यही कारण है कि लोग शनि जयंती का इंतजार करते हैं. इस दिन शनि मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
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शनि देव अच्छे कार्य करने वाले को देते हैं शुभ फल
शनि देव से घबराने की आवश्यकता नहीं है. शनि देव को भगवान शिव ने सभी नवग्रहों में न्यायाधीश का दर्जा प्रदान किया हुआ है, जिस कारण शनि देव व्यक्ति के उसके अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर फल प्रदान करने का कार्य करते हैं. जो लोग अच्छे कार्य करते हैं, मानवहित के बारे में सोचते हैं और कार्य करते हैं, उन्हें शनि देव बहुत ही अच्छे फल प्रदान करते हैं. ऐसे लोग जीवन में बहुत ही उच्च पद और मान सम्मान प्राप्त करते हैं. शनि की अपनी दशा में विशेष शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं. इसके साथ ही शनि ढैय्या और साढ़ेसती के दौरान में व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं. वर्तमान समय में इन राशियों पर शनि की दृष्टि है-
शनि की ढैय्या
– मिथुन राशि
– तुला राशि
शनि की साढ़ेसाती
– धनु राशि
– मकर राशि
– कुंभ राशि
इन कार्यों को भूलकर भी न करें
शनि देव का यदि आशीर्वाद चाहिए तो कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. शनि देव गलत कार्यों को करने से नाराज होते हैं, अपनी दशा आने पर दंड देने का कार्य करते हैं. इसलिए जीवन में इन कार्यों को नहीं करना चाहिए-
– अनैतिक कार्यों को न करें.
– दूसरों के धन को हड़पने की कोशिश न करें.
– परिश्रम करने वालों को अपमान न करें.
– अपने अधिनस्थों से खराब बर्ताव न करें.
– प्रकृति को हानि न पहुंचाएं.
– पशु-पक्षियों को नुकसान न पहुंचाएं.