ये लोग पिछले कई वर्षों से इस व्यापार में लिप्त हैं और देह व्यापार को परंपरा मानते हैं. इतना ही इस नहीं समुदाय के पुरुष ही महिलाओं को जिस्मफरोशी के लिए दबाव डालते है. ये लोग अपने घर की बहु बेटियों को ही इस दलदल में धकेल देते हैं ताकि उसकी कमाई से परिवार के अन्य लोगों का भरण- पोषण हो सके या यूं कहे कि जिस्मफरोशी के धंधे से ही इस समुदाय के लोगों का जीवन निर्वहन होता है.

जिस्मफरोशी एक ऐसा व्यापार है जो सदियों से चला आ रहा है और काफी पुराना है. इसमें भारत के साथ साथ कई देशों की लड़कियां शामिल होती हैं जिनके साथ अजीब व्यवाहर किया जाता है. यह दुनिया के अधिकतर देशों में फैला है. इसे आज भी लोग घिनौना ही मानते हैं और इससे अपने बच्चों को दूर ही रखते हैं. आज हम हमारे देश के ऐसे ही स्थान के बारे में बता रहे हैं जहां पर लड़कियों का व्यापर होता है.
आपको बता दें, मध्य प्रदेश के नीमच, मंदसौर, रतलाम व कुछ अन्य इलाकों में एक समुदाय के लोग इस व्यापार को गलत नहीं मानते हैं. बल्कि इन लोगों की मुख्य आय का साधन ही जिस्मफरोशी है. यानि उनके लिए ये नहीं हो तो उनकी रोज़ी रोटी ही ना चले. ये जानकर आपको हैरानी होगी कि ये अपने ही परिवार की महिलाओं धकेलते हैं. बाछड़ा समुदाय के अधिकतर लोग मंदसौर-नीमच में बस्तियों के रूप में रहते हैं. इसके अलावा रतलाम के भी कुछ हिस्सों में भी इस समुदाय के लोगों का निवास है.
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