बाराबंकी । जिले में सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 अभियान का दूसरा चरण 06 जनवरी से 16 जनवरी तक चलाया गया। इसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष 110 प्रतिशत बच्चों और 114 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। अभियान में जिले के पांच विकास खण्ड को शामिल किया गया।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राजीव कुमार सिंह ने बताया अभियान के तहत दूसरे चरण में जन्म से लेकर दो वर्ष तक के छूटे हुए 5159 बच्चें तथा 881 गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया था जिसमें लगभग 5673 बच्चों एवं 1004 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। अभियान के तहत जिले के चिन्हित ब्लॉकों में फतेहपुर, निन्दूरा, रामनगर, सिद्धौर, सूरतगंज समेत अर्बन को शामिल था। इस अभियान को सफल बनाने के लिए 185 स्वास्थ्य टीमें लगायी गई थी।
उन्होंने बताया कि सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान में दो तरह के बच्चो को शामिल किया गया था। पहला लेफ्ट आउट – जिन बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा है। दूसरा ड्राप आउट – ऐसे बच्चे जिन्होंने एक या दो टीके लगवाने के बाद बीच में अन्य टीके नहीं लगवाये। बताया कि इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले इस मिशन का उद्देश्य है कि वर्ष 2020 तक सभी बच्चों का टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं। इस अभियान का तीसरा चरण तीन फरवरी से और चौथा चरण व अंतिम चरण दो मार्च से चलाया जाएगा।
नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों जैसे- पोलियो, खसरा-रूबेला, रोटा वायरस, डिप्थीरिया, टिटनेस, काली खांसी आदि से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। सरकार नवजात शिशुओं और बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यदि बच्चों का टीकाकरण समय से किया जाए तो बच्चे जीवन भर स्वस्थ और खुशहाल रहेंगे।
अभियान में ईट- भट्ठों और निर्माण साइटों पर रहने वाले परिवारों के टीकाकरण पर जोर दिया गया। क्योंकि इन दोनों स्थानों पर रहने वाले परिवार एक से दूसरे जगह स्थानांतरित करते रहते हैं। इसलिए सामान्य अभियान के दौरान इनके छूटे जाने की आशंका बनी रहती है। टीकाकरण न होने वाले या फिर आंशिक टीकाकरण वाले बच्चों को अभियान के तहत ग्यारह तरह की बीमारियों से बचाने वाले टीके लगाए गए।