जालंधर के पूर्व र्बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ एक नन से दुष्‍कर्म और अप्राकृतिक यौन संबंध का आरोप

जालंधर के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ एक नन से दुष्‍कर्म करने ओर अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के मामले में अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। केरल पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने पाला मजिस्ट्रेट की अदालत में बयान, दस्तावेज वाली लगभग दो हजार पेजों की चार्जशीट दाखिल की। इसमें लगभग 1400 पेजों के सप्लीमेंट्री बयान भी लगाए गए हैं।

केरल पुलिस की एसआइटी ने अदालत में दाखिल की दो हजार पन्नों की चार्जशीट

आरोप पत्र के साथ लैपटॉप, मोबाइल फोन व मेडिकल टेस्ट समेत कुल 30 सुबूत जमा किए गए हैं। चार्जशीट में मुलक्कल को नन से दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन संबंध जैसे संगीन मामलों में आरोपित बताया गया है। चार्जशीट में 83 गवाह बनाए हैं। इनमें सायरो मालाबार कैथोलिक चर्च के मेजर आर्कबिशप कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी, पाला डायोसिस बिशप जोसेफ कल्लारंगट, भागलपुर बिशप कुरियन वलियाकंडाथिल और उज्जैन डायोसिस के बिशप सेबेस्टिन वडाक्किल के साथ 11 पादरी और 25 नन भी शामिल हैं। इनमें दस गवाहों ने सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत मजिस्ट्रेट के आगे बयान भी दर्ज कराए हैं। बयान दर्ज करने वाले सात मजिस्ट्रेट भी इस केस में बतौर गवाह शामिल हुए हैं।

केरल पुलिस के डीएसपी के सुभाष की अगुवाई वाली एसआइटी की चार्जशीट के मुताबिक 55 वर्षीय पूर्व बिशप मुलक्कल ने 45 वर्षीय नन के साथ मई 2014 से लेकर सितंबर 2018 तक 13 बार दुष्कर्म किया और अप्राकृतिक संबंध बनाए। उसे धमकाया भी गया। नन ने शिकायत पहले 2017 में की थी लेकिन दबाव में कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इसके बाद ननों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद जांच शुरू हुई। जांच के बाद 28 जून 2018 को मुलक्कल के खिलाफ केस दर्ज किया गया। फिर केरल पुलिस ने फ्रैंको मुलक्कल को जांच के लिए केरल बुलाया। कड़ी पूछताछ के बाद 21 सितंबर 2018 को मुलक्कल को गिरफ्तार कर लिया गया। एक माह जेल में काटने के बाद मुलक्कल को केरल हाईकोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी। जिसमें पासपोर्ट जमा कराने, केरल से बाहर रहने से लेकर कई तरह की शर्तें लगाई गईं थी।

इन धाराओं में चार्जशीट

मुलक्कल के खिलाफ आइपीसी की धारा 342 (गलत तरीके से बंद रखने), 376सी (पद का दुरुपयोग कर यौन संबंध बनाने), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और 506(1) (धमकी) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

चार्जशीट में सरकार ने कराई देरी

सूत्रों के मुताबिक पुलिस मामले में चार्जशीट का ड्राफ्ट दिसंबर 2018 में ही तैयार हो चुका था, लेकिन केरल सरकार ने पब्लिक प्रॉसीक्यूटर की तैनाती ही नहीं की। इसके बाद पीडि़त नन व साथियों ने प्रदर्शन की धमकी दी। सरकार हरकत में आई और जनवरी के पहले हफ्ते पब्लिक प्रॉसीक्यूटर की तैनाती की। अब पुलिस ने मंगलवार को चार्जशीट दायर कर दी।

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नन ने लगाए थे ये आरोप

पिछले साल जून में केरल की नन ने रोमन कैथोलिक के जालंधर डायोसिस के तत्कालीन बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। पुलिस को दिए बयान में कहा था कि मुलक्कल ने कुराविलंगद के एक गेस्ट हाउस में उससे दुष्कर्म किया था। फिर कई दूसरे राज्यों के गेस्ट हाउस में भी लेकर गया। वह लगातार यौन शोषण करता रहा। उसने चर्च प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर पुलिस में कंप्लेंट दी।

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इतिहास में पहली बार ऐसी घटना

भारत में कैथोलिक चर्च के इतिहास में यह ऐसी पहली घटना है, जिसमें एक बड़े पादरी को यौन उत्पीडऩ के मामले में अदालत के आगे आरोपों का सामना करना पड़ेगा।

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कानूनी विषेशज्ञ

उम्रकैद की सजा संभव

कानूनी माहिरों के मुताबिक पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ जिन संगीन धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है, अगर वो उसमें दोषी पाया गया तो उसे उम्रकैद तक की सजा हो सकती है या फिर दस साल की कैद तय है।

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अब आगे क्या

प्रिंसिपल सेशन कोर्ट में चलेगा केस

स्पेशल प्रोसीक्यूटर जीथेस जे बाबू के मुताबिक मामले में सजा दस साल कैद से ज्यादा होने की वजह से यह मामला अब कोट्टायम की ङ्क्षप्रसिपल सेशन कोर्ट में चलेगा। यहां से इसे महीने-दो महीने में वहां भेज दिया जाएगा।

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