जापान व इजरायल यूपी में कृषि उत्पादन बढाने में करेंगे भारत की सहायता

जापान के साथ ही इजरायल उत्तर प्रदेश में कृषि तथा इसके उत्पादन बढ़ाने में मदद करेंगे। तीन दिनी कृषि कुंभ में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में इनके साथ करार पर मुहर लगी। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इजरायल के सहयोग से कन्नौज व बस्ती में स्थापित फूड प्रोसेसिंग फार एक्सीलेंसी का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से इसका उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय महोत्सव में एक लाख किसान आएंगे।

लखनऊ भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में समग्रता में खेतीबाड़ी से जुड़ी सभी विधाओं के लिए ऐसा आयोजन प्रदेश में पहली बार हो रहा है। इसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों तथा अन्य शोध संस्थानों के स्टाल लगे हैं। जिसके माध्यम से किसानों को नवीनतम एवं लाभकारी कृषि तकनीक की जानकारी प्राप्त होगी। कृषि प्रबंधन के मामले में इजराइल और प्रसंस्करण के मामले में जापान अग्रणी देश हैं। यह दोनों देश बतौर पार्टनर कंट्री आयोजन में भाग ले रहे हैं। जापान से प्रसंस्करण के क्षेत्र में पांच वर्ष के लिए समझौता भी हो गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कृषि कुंभ में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह तथा केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कृष्णा राज, इजरायल व जापान के प्रतिनिधि भी हैं। इसमें योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, मुकुट बिहारी वर्मा, राजेश अग्रवाल, सुरेश राणा, उपेन्द्र तिवारी, स्वाति सिंह, राघवेंद्र सिंह भी उपस्थित है। उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अतिथियों का स्वागत किया। मंच पर मुख्य सचिव अनूप चन्द पांडेय, प्रभात कुमार, संजय अग्रवाल व अमित मोहन प्रसाद भी मौजूद थे।

कृषि कुंभ में आज जापान और उत्तर प्रदेश के बीच निवेश समझौता हुआ। इसके साथ इजरायल के सहयोग से कन्नौज व बस्ती में स्थापित फूड प्रोसेसिंग फार एक्सीलेंसी का सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण किया। आज जापान और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एमओयू साइन हुआ। जापान सरकार यूपी में कृषि क्षेत्र में निवेश करेगी। उत्तर प्रदेश के अपने तरह के पहले कृषि कुंभ में जापान-इजरायल की भागेदारी होगी।

तीन दिवसीय इस कृषि कुंभ में निजी एवं सरकारी एवं क्षेत्रों के लगभग 400 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं। जिसमें किसानों को कृषि एवं विभिन्न क्षेत्रों के विकसित नवीनतम तकनीक गुणवत्ता युक्त कृषि निवेश खाद्य प्रसंस्करण कृषि विपणन की इ-मार्केटिंग पद्धति की जानकारी भी प्राप्त होगी। इसमें रेशम विभाग की शहतूत एवं अर्जुन के वृक्षारोपण से रेशम किट पालन तथा रेशम उत्पादन की पद्धतियों को दर्शाती प्रदर्शनी आयोजित की गई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों तथा अन्य शोध संस्थानों के स्टाल लगाए गए हैं। जिनसे किसानों को नवीनतम एवं लाभकारी कृषि के तकनीक की जानकारी प्राप्त होगी। कृषि कुम्भ में भूमि संरक्षण जैविक खेती, हरी खाद, परंपरागत खेती,सोलर पंप, सामाजिक वानिकी आदि विषयक प्रदर्शनी स्थापित की गई है। इसमें प्रदेश की लघु एवं सीमांत कृषकों की छोटी जोत को लाभकारी उद्यम बनाने के उद्देश्य से एकत्रित फसल प्रणाली विषयक पर भी प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें बताया गया है कि एक एकड़ खेत में मक्का की खेती एवं अन्य सब्जियों की खेती का लाभ तथा केला और पपीता की खेती के साथ ही पशुपालन कर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं।

यहां पर उद्यान विभाग से कृषि को लाभकारी बनाने के उद्देश्य फल व फूलों की विभिन्न प्रजातियों के साथ ही वर्टिकल फार्मिंग, हाईड्रॉपनिक्स, एक्वपनिक्स तथा माइक्रो सिंचाई पद्धति विषयक प्रदर्शनी आयोजित की गई है। इसमें तालाब में मत्स्य पालन के लिए बायोफिल्टर से पानी को छानकर कई बार उपयोग करने की दृष्टि से रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम का भी प्रदर्शन मत्स्य विभाग कर रहा है। एक्वेरियम के लिए रंगीन मछलियों के साथ ही प्रदेश में उत्पादित होने वाली कतला, रोहू, नयन, ग्रास, कार्प, कामन कार्प व पंगेशियम प्रजाति की मछलियां प्रदर्शित की जा रही हैं। किसानों की आय वृद्धि के लिए मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत फसल प्रणाली के अंतर्गत मत्स्य पालन के लिए तलाब तथा धान के साथ मत्स्य पालन करने की तकनीक को भी दर्शाया गया है।

एक नजर में तीन दिवसीय कृषि कुंभ

– पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह और कृषि व संबंधित विभागों के मंत्री व वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

– शनिवार को तकनीकी सत्रों में फसल अवशेष के प्रबंधन पर आयोजित सत्र विशेष होगा।

– रविवार को दोपहर 2.30 बजे आयोजित समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल नाईक मौजूद रहेंगे।

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