पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय ने मोरेटोरियम अवधि के ब्याज पर ब्याज को लेकर नई अधिसूचना जारी कर दी। नई अधिसूचना के मुताबिक सरकार इस साल मार्च से अगस्त तक की मोरेटोरियम अवधि के लिए टर्म लोन के ब्याज पर ब्याज का भुगतान करेगी। मंत्रालय ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके कहा था कि वह मोरेटोरियम अवधि के लिए दो करोड़ रुपये तक के लोन पर MSME, एजुकेशन लोन, हाउसिंग लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन्स, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन ऋण और पर्सनल लोन के ब्याज पर ब्याज को माफ करेगी।

मंत्रालय की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया था कि सरकार चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर बराबर राशि पांच नवंबर से पहले लेनदारों के खातों में हस्तांतरित कर देगी।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि लोन मोरेटोरियम स्कीम का आंशिक या पूर्ण रूप से लाभ उठाने वाले लेनदारों को तो इस स्कीम का लाभ मिलेगा ही, साथ ही ऐसे बॉरोअर्स को भी इस स्कीम के तहत सरकार कैशबैक देगी, जिन्होंने इस स्कीम का लाभ नहीं लिया और समय पर ईएमआई का भुगतान किया। हालांकि, इस स्कीम का लाभ सभी तरह के टर्म लोन वालों को मिलेगा लेकिन इस स्कीम का सबसे ज्यादा लाभ क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि पर मोरेटोरियम की सुविधा लेने वालों को मिलेगा।
सरकार ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि कर्ज देने वाली संस्थाएं धनराशि को क्रेडिट करने के बाद सरकार से रिअम्बर्समेंट क्लेम कर पाएंगी।
यहां उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने 14 अक्टूबर को ब्याज माफी स्कीम को लागू करने के लिए केंद्र को एक माह का समय देने से इनकार कर दिया था। शीर्ष न्यायालय ने सवाल किया था कि केंद्र को ऐसे स्कीम को लागू करने के लिए इतना लंब वक्त क्यों चाहिए जबकि इस बाबत पहले ही फैसला किया जा चुका है। उच्चतम न्यायलय ने ब्याज माफी को लागू करने के लिए दो नवंबर तक का समय दिया था।
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