सेवानिवृत्ति के बाद अधिकांश लोग अपनी बचत को सुरक्षित रखने के लिए सबसे अच्छे विकल्प की तलाश में रहते हैं। निवेश विकल्प जैसे कि बैंक एफडी एवं आरडी, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस), पोस्ट ऑफिस एफडी एवं आरडी, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई), नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) और म्युचुअल फंड कुछ ऐसे निवेश विकल्प हैं जिन्हें खास तौर पर देश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहतर बताया गया है। इनमें से अधिकांश देश के वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर ब्याज दर उपलब्ध करवाती हैं।
विकल्प जैसे कि बैंक एफडी, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम्स, पोस्ट ऑफिस एफडी और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना जोखिम रहित एवं एक निश्चित रिटर्न देने वाले विकल्प हैं। वहीं म्युचुअल फंड जैसे विकल्प जोखिम वाले तो होते हैं लेकिन इसमें काफी बेहतर रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है। हालांकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए उनके आदर्श पोर्टफोलियो में क्या कुछ होना चाहिए यह उसकी आवश्यकता पर निर्भर करता है। हम अपनी इस खबर में कुछ ऐसे ही विकल्पों के बारे में बता रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS): सरकार समर्थित इस सेविंग स्कीम्स को बैंक एफडी से ज्यादा सुरक्षित एवं बेहतर माना जाता है। इस स्कीम का टेन्योर 5 वर्ष का होता है जिसमें तीन अतिरिक्त वर्षों तक का विस्तार दिया जा सकता है। सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में किया गया 1.50 लाख रुपये तक का निवेश टैक्स छूट प्राप्त करने योग्य होता है और इस स्कीम में किए गए निवेश पर 8.7 फीसद का ब्याज मिलता है। हालांकि इस ब्याज पर टैक्स देना होता है।
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट: बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट पर वरिष्ठ नागरिकों को आम लोगों की तुलना में बेहतर ब्याज मिलता है। बैंक ऐसे लोगों को आम लोगों की तुलना में 0.5 फीसद का अतिरिक्त ब्याज देते हैं। आयकर अधिनियम 1961 के सेक्शन 80 TTB के अंतर्गत इस पर अर्जित होने वाला 50,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री (सीनियर सिटिजन के लिए) होता है। इस ब्याज में पोस्ट ऑफिस एफडी, पोस्ट ऑफिस आरडी, बैंक एफडी, बैंक आरडी और सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी शामिल होता है।
धानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई): प्रधानमंत्री वय वंदना योजना एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा निगम) के साथ आने वाली एक फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम है जिस पर कि 8 फीसद का ब्याज मिलता है। इस स्कीम का टेन्योर 10 वर्ष का होता है। आयकर की धारा 80C के अंतर्गत इस स्कीम में किए गए निवेश पर टैक्स छूट नहीं मिलती है लेकिन इस पर अर्जित ब्याज पूरी तक टैक्स फ्री होता है। यह सबसे कम जोखिम वाला निवेश विकल्प माना जाता है।
पोस्ट ऑफिस एफडी और रेकरिंग डिपॉजिट: पोस्ट ऑफिस के फिक्सड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट बैंक के फिक्सड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट सरीखे ही होते हैं। इसमें किया गया निवेश सीधे सरकार के पास जाता है और ज्यादा सुरक्षित होता है। जबकि बैंक एफडी और आरडी में डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत सिर्फ एक लाख रुपये ही सुरक्षित होते हैं। बैंक एफडी और आरडी के उलट पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट्स टीडीएस डिडक्शन के दायरे में नहीं आते हैं। हालांकि इसमें मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होता है। पोस्ट ऑफिस की पांच वर्ष की एफडी पर 1,50,000 रुपये तक के निवेश पर टैक्स बेनिफिट्स मिलता है।
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस): 18 वर्ष की उम्र से लेकर 65 वर्ष तक की आयु का कोई भी व्यक्ति नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश कर सकता है। सीनियर सिटिजन भी इसमें निवेश कर सकता है। इसके अलावा, एक एनपीएस खाते को खुलवाए जाने के बाद 70 वर्ष की आयु तक बढ़वाया जा सकता है। निवेशक की पसंद के हिसाब से इसमें किया जाने वाला निवेश डेट और इक्विटी फंड्स में किया जाता है ताकि बेहतर रिटर्न पाया जा सके। मैच्योरिटी के बाद एनपीएस का 60 फीसद कॉर्पस टैक्स फ्री होता है। बाकी के 40 फीसद हिस्से का इस्तेमाल एन्युटी की खरीद में किया जाता है, ताकि मासिक पेंशन का जुगाड़ हो सके। इसमें भी आयकर की धारा 80C के अंतर्गत 1,50,000 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है और आयकर की धारा 80CCD(1B) के अंतर्गत आप 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट भी पा सकते हैं।
म्युचुअल फंड्स: ग्रोथ और वेल्थ क्रिएशन के लिहाज से सीनियर सिटिजन के लिए म्युचुअल फंड्स भी बेहतर विकल्प है। यह भी उनके निवेश पोर्ट फोलियो में होना चाहिए। स्मॉल और मिडकैप फंड्स उच्च जोखिम वाले तो होते हैं, लेकिन साथ ही इनमें बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना भी होती है। ईएलएसएस फंड्स भी टैक्स बेनिफिट्स दिलाते हैं जो कि आयकर की धारा 80C के मुताबिक ही होता है।