पाकिस्तान को बीते दिन FATF की ग्रे-लिस्ट से बाहर किया गया है। इस लिस्ट से बाहर निकलने से पड़ोसी मुल्क को बड़ी राहत मिली है। आइए जानें आखिर यह FATF है क्या और इसकी ग्रे और ब्लैक लिस्ट में क्या अंतर है।
पाकिस्तान को बीते दिन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे-लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। इस लिस्ट से बाहर निकलने से पड़ोसी मुल्क एक तरह से राहत की सांस ले रहा है। अब पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए आइएमएफ, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसी संस्थाओं से वित्तीय मदद पा सकेगा। एफएटीएफ आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने की संस्था है। पाक को 2018 को ग्रे लिस्ट में डाला गया था और अब इसे राहत देकर बाहर निकाल दिया गया है। इसके चलते अब लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि आखिर यह FATF है क्या और इसकी ग्रे और ब्लैक लिस्ट किसलिए है।
FATF क्या है
एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी संस्था है जिसकी स्थापना सन 1989 में G7 देशों की पहल पर दुनियाभर में मनी लान्ड्रिंग, आतंकी वित्तपोषण से निपटने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने के लिए की गई थी। एफएटीएफ के वर्तमान में 39 सदस्य हैं, भारत, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और चीन भी शामिल हैं। भारत FATF के कंसल्टेंट्स और उसके एशिया पैसिफिक ग्रुप का हिस्सा है।
ग्रे और ब्लैक लिस्ट में अंतर समझें
ग्रे लिस्ट में वे देश होते हैं जहां टेरर फंडिंग और मनी लान्ड्रिंग सबसे ज्यादा होती है। हालांकि यह देश आतंक को रोकने के लिए इस संस्था के साथ मिलकर काम करने को तैयार होते हैं। एक और जहां ग्रे लिस्ट वाले देश एफएटीएफ के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक होते हैं तो वहीं ब्लैक लिस्ट में वह देश होते हैं जो आतंक और टेरर फंडिंग को खत्म करने में साथ नहीं देते हैं।