जानें लड़कियां कब सोचती है कि, मैं भी लड़का होती यार..

आज के इस आधुनिक समय में लड़का-लड़की को लेकर लोगों की सोच काफी हद तक बदल चुकी है। अब मॉडर्न ज़माने में लड़का-लड़की को लेकर भेदभाव नहीं किया जाता लेकिन आज भी कुछ ऐसी बातें हैं जहां लड़का-लड़की मे अंतर किया जाता है। कोई यह नहीं सोचता कि लड़का और लड़की का इस समाज में अपना-अपना एक अलग स्‍थान है, उनकी एक अलग पहचान है। ये है वो खास वजह….

1. पीरियड्स के दिनों में लड़कियों को काफी दर्द और चिड़चिड़ाहट से गुज़रना पड़ता है जिसके कारण उन्हें कई बार बिना वजह के गुस्सा भी आ जाता है और फिर उनके मन में लड़का होने का ख्याल आता है।

2. कई बार लड़कियां घर से बाहर अपने दोस्तों के साथ घूमने जाना चाहती हैं लेकिन उन्हें घर से इजाज़त नहीं मिलती जबकि दूसरी ओर लड़कों को परमिशन की जरूरत ही नहीं पड़ती है ।

3. अगर किसी तरह घरवाले लड़की को घर से निकलने की परमिशन दे भी दें तब भी उन पर शाम को जल्‍दी घर लौटने की पाबंदी लगा दी जाती है। ऐसे पलों पर लड़कियां सोचती हैं कि अगर वो लड़का होती तो ऐसी पाबंदियां उन पर नही लगाई जातीहै।
4. कई अवसरों पर लड़कियों को उनकी बात रखने का मौका नहीं मिलता। यदि वह अपनी बात बोलने की कोशिश भी करें तो उनको बोलने नहीं दिया जाता है।

5. लड़कियों को कई बार समझाया जाता है कि तुम घर की इज्जत हो इसलिए जो भी फैसला लो सोच समझ कर लो। तुम्हारे फैसले से घर की इज्‍जत भी खराब हो सकती है।   

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