जानें क्या होता है अगर दशहरे पर दिख जाए नीलकंठ पक्षी

आज दशहरा अर्थात विजयादशमी का पर्व हैं जो कि भगवान राम द्वारा रावण का वध करने के उपलक्ष में मनाया जाता हैं। ज्योतिष और पुराणों में विजयादशमी का बड़ा महत्व माना जाता हैं। आज के दिन से जुड़े कई शुभ-अशुभ काम पुराणों में बताए गए हैं। आज के इन्हीं शुभ कामों में से एक होता हैं नीलकंठ (Neelkanth) पक्षी को देखना। जिससे घर में धन-धान्य में वृद्धि होती है और शुभ कार्य अच्छे से संपन्न होते हैं। आज हम आपको इसी का कारण बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों नीलकंठ पक्षी को दशहरे के दिन देखना शुभ माना गया हैं।

 

दशहरे पर नीलकण्ठ के दर्शन की परंपरा बरसों से जुड़ी है। कहते है श्रीराम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी। लंका जीत के बाद जब भगवान राम को ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की एवं ब्राह्मण हत्या के पाप से खूद को मुक्त कराया। तब भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रुप में धरती पर पधारे थे।

नीलकण्ठ अर्थात् जिसका गला नीला हो।

जनश्रुति और धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान शंकर ही नीलकण्ठ है। इस पक्षी को पृथ्वी पर भगवान शिव का प्रतिनिधि और स्वरूप दोनों माना गया है।

किसानों का मित्र : वैज्ञानिकों के अनुसार यह भाग्य विधाता होने के साथ-साथ किसानों का मित्र भी है, क्योंकि सही मायने में नीलकंठ किसानों के भाग्य का रखवारा भी होता है, जो खेतों में कीड़ों को खाकर किसानों की फसलों की रखवारी करता है।

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