प्रणब मुखर्जी वर्षों से कांग्रेस का हिस्सा रहे। कांग्रेस के उतार-चढ़ाव के वो गवाह रहे हैं। इस पार्टी में रहकर उन्होंने अच्छे बुरे दौर को देखा। इसमें रहते हुए उन्होंने पार्टी के फैसले का विरोध भी किया और इससे बाहर होकर अपनी नाराजगी भी साफतौर पर जाहिर की। लेकिन कमोबेश वो अपनी नई पार्टी बनाने के बाद भी कांग्रेसी ही रहे और इससे दूर नहीं हो सके। यही वजह थी कि 1989 में उनहोंने अपनी बनाई राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पाटी का विलय कांग्रेस में ही कर दिया था। वर्षों तक कांग्रेस में रहने के बाद जब उन्हें भाजपा की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए आगे किया तो कांग्रेस के हाथों से बाजी निकल गई। हालांकि उनके राष्ट्रपति बनने का कांग्रेस समेत सभी नेताओं ने स्वागत किया।

इसके बाद 31 अगस्त 2018 को वक्त आया जब उन्हें किसी और का नहीं बल्कि अपनी ही बेटी के विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल उस वक्त प्रणब मुखर्जी को एक पूर्व राष्ट्रपति के तौर पर नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम मं जब उन्होंने शिरकत की तो उनकी बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी समेत कई नेताओं ने उन्हें इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने की सलाह दी थी। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि उन्होंने नागपुर जाकर भाजपा और आरएसएस को फर्जी खबर गढ़ने का पूरा मौका दिया है।
शर्मिष्ठा ने अपने पिता को संबोधित करते हुए एक अन्य ट्वीट में लिखा कि आज की घटना से @CitiznMukherjee को इस बात का एहसास होगा कि बीजेपी का डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट किस तरह काम करता है। यहां तक कि आरएसएस को भी नहीं पता होगा कि आप अपने भाषण में उसके विचारों को बढ़ावा देने वाले हैं। हालांकि, लोग भाषण को भूल जाएंगे और तस्वीरें याद रह जाएंगी जिन्हें फर्जी बयानों के साथ सर्कुलेट किया जाएगा। इसके बाद शर्मिष्ठा ने लिखा, आप नागपुर जाकर आरएसएस और बीजेपी को फर्जी खबरें गढ़ने और झूठी अफवाहें फैलाने का पूरा मौका दे रहे हैं। ऐसी अफवाहें जो कुछ हद तक विश्वसनीय लगती हैं। और यह तो बस एक शुरुआत है। हालांकि, उनकी सोच से उलट प्रणब मुखर्जी ने इस मंच से ऐसा भाषण दिया कि कांग्रेस ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेस कर के उनके भाषण का समर्थन किया था।
इसके बाद जब उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया तो कांग्रेस ने कहा है कि ये ऐसे शख्स की सेवाओं का सम्मान है जो महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल की विचारधारा को मानते हैं और उसका पालन करते हैं। इस सम्मान के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को ट्विटर पर लिखा था प्रणब दा को भारत रत्न सम्मान के लिए बधाई! कांग्रेस पार्टी को गर्व है कि हमारे एक अपने के जन सेवा और राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय योगदान को पहचान और सम्मान मिला है। वहीं प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने लिखा कि परिवार के लिए गर्व और खुशी का पल।
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