अच्छी नौकरी खोज रहे हैं या फिर किसी नामी संस्थान में प्रवेश लेने जा रहे हैं, तो रिटर्न टेस्ट एवं इंटरव्यू के अतिरिक्त ग्रुप डिस्कशन में भी स्वयं को सिद्ध करना पड़ता है। आजकल प्रतियोगी परीक्षाओं तथा बड़ी कंपनियों में नियुक्ति का यह अहम अंग है। ग्रुप डिस्कशन प्रभावी चर्चा का थोड़ा परिवर्तित रूप है। इसके माध्यम से व्यक्ति के अंदर छिपी नेतृत्व क्षमता तथा उसके व्यवहारिक गुणों की पहचान की जाती है। यह बातचीत विषय का ज्ञान एवं उस ज्ञान को प्रभावी तरीके से जॉब पाने की परीक्षा होती है।
वही हम सभी रोजमर्रा के जीवन में कभी परिवार वालों के साथ तो कभी सार्वजनिक यात्रा के चलते अपने आसपास बैठे व्यक्तियों से किसी भी मुद्दे पर चर्चा में सम्मिलित हो जाते हैं। यही ग्रुप डिस्कशन है। हालांकि, जब बात नौकरी पाने की प्रक्रिया में ग्रुप डिस्कशन की आती है, तो घबराहट होती है। ग्रुप डिस्कशन में अच्छी स्कोरिंग के बगैर इंटरव्यू में सिलेक्शन नहीं हो पाता। यदि आप ग्रुप डिस्कशन के लिए स्वयं को तैयार कर रहे हैं, तो यह ध्यान में रखें कि इस बातचीत के चलते नियोक्ता आपके अंदर कुछ विशेष गुणों की अपेक्षा रखते हैं।
जैसे- आप अच्छे श्रोता हैं या नहीं। आपके विचार सकारात्मक हैं या नकारात्मक, आप विवाद को तूल देते हैं अथवा शांत करते हैं। डिस्कशन के चलते अपनी त्रुटि को स्वीकारने का साहस रखते हैं या फिर उससे बचकर निकलना चाहते हैं। जब बातचीत अपने विषय से भटकती है, तो आप उसे सही ट्रैक पर लाने की कोशिश करते हैं या नहीं। इस चर्चा के चलते आपके हाव-भाव पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। ग्रुप डिस्कशन में अगर आप किसी विषय के ज्यादा जानकार हैं, तो भी दूसरों को बोलने का अवसर दें। आपसी मंजूरी के मौके तलाशें तथा वहीं से आरम्भ करें। अपनी बातों को व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध तरीके से रखें।